गोल्ड ईटीएफ म्यूचुअल फंड की एक स्कीम है। इसमें निवेशक सोने की खरीद यूनिट के अनुसार कर सकते हैं। जब निवेशक सोना बेचते हैं तो उन्हें उस समय के बाजार मूल्य पर पैसा का भुगतान किया जाता है। देश की कई म्यूचुअल फंड कंपनियां गोल्ड ईटीएफ में निवेश की सुविधा देती है। वित्तीय योजनाकारों का कहना है कि छोटे निवेशकों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है। निवेशक लंबी अवधि के लिए गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर शानदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। ये ऐसी योजनाएं हैं जो मुख्य रूप से गोल्ड ईटीएफ और अन्य संबंधित परिसंपत्तियों में निवेश करती हैं। गोल्ड म्यूचुअल फंड प्रत्यक्ष रूप से भौतिक सोने में निवेश नहीं करते हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से उसी स्थिति को लेते हैं। गोल्ड ईटीएफ गोल्ड ईटीएफ (विनिमय व्यापार फंड) एक ओपन-एंडेड फंड है जो स्टॉक एक्सचेंजों पर ट्रेड करता है। यह एक ऐसा उपकरण है जो सोने में निवेश पर सोने की कीमत पर आधारित होता है। गोल्ड ईटीएफ 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने में निवेश करता है। उनका प्रबंधन फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है जो प्रतिदिन सोने की कीमतों पर नजर रखते हैं और रिटर्न को अनुकूलित करने के लिए भौतिक सोने का व्यापार करते हैं।
Gold-Silver Rate Today: यूक्रेन संकट के बीच सोना आज ₹1,000 हुआ सस्ता, चांदी का रेट भी ₹1,500 घटा
Gold-Silver Prices गोल्ड का व्यापार कैसे करें Today: रूस-यूक्रेन संकट (Russia-Ukraine War) के बीच भारत में आज सोने और चांदी के रेट में तेज गिरावट आई है। एक्सपर्ट का कहना है कि व्यापार से जुड़े रिस्क सेंटीमेंट में सुधार होने के चलते शुक्रवार 25 फरवरी को इन दोनों कीमती धातुओं की दाम घटा है। MCX पर, गोल्ड फ्यूचर्स की कीमत आज 1,000 रुपये घटकर 50,569 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। वहीं चांदी की कीमतें 2.2 फीसदी घटकर 65,380 रुपये प्रतिकिलो के स्तर पर आ गई।
डॉलर के मुकाबले रुपये में शुक्रवार को आई मजबूती का भी असर सोने की कीमतों पर दिखा। रुपया शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले 34 पैसा मजबूत होकर 75.26 रुपये पर बंद हुआ। भारत में सोने की कीमतों में 10.75 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी और 3 फीसदी जीएसटी भी शामिल रहता है।
धनतेरस-Diwali पर सोने की ज्वैलरी, सिक्के, डिजिटल गोल्ड या गोल्ड बॉन्ड खरीदें, जानिए कौन सबसे फायदेमंद
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: October 19, 2022 11:59 IST
Photo:INDIA TV Dhanteras Diwali Buy Gold
धनतेरस और दिवाली पर सोने और चांदी की सबसे अधिक खरीदारी होती है। इस बार 23 अक्टूबर को धनतेरस है। ऐसे में अगर आप सोने की खरीदारी करना चाहते हैं तो आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं। आप सोने की ज्वैलरी, सिक्के के अलावा डिजिटल गोल्ड या गोल्ड बॉन्ड का भी रुख कर सकते हैं। जानकारों का कहना है कि आमतौर पर लोग सिर्फ सोने की ज्वैलरी खरीदने पर जोर देते हैं। हालांकि, बदलते दौर के साथ बाजार में कई विकल्प मौजूद है। अगर, निवेशक समझदारी से काम करें तो सोना खरीदने के साथ अच्छा रिटर्न भी प्राप्त कर सकता है।
SGB: आज से 500 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता सोना खरीदने का मौका, जानें कैसे करें खरीदारी
SGB: अगर आप सस्ता सोना खरीदना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme- SGB) 2021-22 – सीरीज आठवीं आज, 29 नवंबर से पांच दिनों के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए खुली रहेगी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि SGB की ताजा किस्त के लिए इश्यू प्राइस 4,791 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है.
एक व्यक्ति सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को डिजिटल सहित अलग-अलग तरीकों से खरीद सकता है. बॉन्ड बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) और बॉम्बे गोल्ड का व्यापार कैसे करें स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (BSE) के माध्यम से बेचे जाएंगे.
ऑनलाइन खरीद पर 50 रुपये प्रति ग्राम का डिस्काउंट
सरकार ने आरबीआई के साथ पमामर्श करके उन निवेशकों को इश्यू प्राइस में 50 रुपये प्रति ग्राम का डिस्काउंट देने की इजाजत दी है, जो ऑनलाइन अप्लाई करते गोल्ड का व्यापार कैसे करें हैं और डिजिटल माध्यम के जरिए भुगतान करते हैं. ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस प्रति ग्राम सोने के लिए 4,741 रुपये होगा.
नकद भुगतान के लिए एक व्यक्ति इन बॉन्ड्स को खरीदते समय अधिकतम 20,000 रुपये तक का भुगतान कर सकता है. कोई भी डिमांड ड्राफ्ट या चेक या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग का भुगतान करना चुन सकता है.
गोल्ड बॉन्ड्स की अवधि आठ सालों की होगी. इसके साथ पांचवें साल के बाद एग्जिट ऑप्शन मिलेगा, जिसे अगली ब्याज के भुगतान की तारीख पर इस्तेमाल किया जा सकता है. निवेशकों को सालाना 2.50 फीसदी की तय दर पर ब्याज मिलेगी, जिसका भुगतान साल में दो बार किया जाएगा.
2015 में लॉन्च हुई थी स्कीम
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को नवंबर 2015 में लॉन्च किया गया था. इसका मकसद फिजिकल गोल्ड की डिमांड को कम करना और घरेलू बचत में से जिस हिस्से का इस्तेमाल सोने की खरीदारी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, उसे वित्तीय बचत में लगाना था.
इसमें व्यक्ति कम से कम एक ग्राम सोने का निवेश कर सकता है. इसके साथ हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली या HUF 4 किलोग्राम और ट्रस्ट और समान इकाई अप्रैल से मार्च तक हर वित्त वर्ष 20 किलोग्राम का गोल्ड का व्यापार कैसे करें निवेश कर सकते हैं.
बॉन्ड भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा भारत सरकार की ओर से जारी किया जाता है. इसके लिए सोने गोल्ड का व्यापार कैसे करें गोल्ड का व्यापार कैसे करें का भाव सदस्यता अवधि से पहले के सप्ताह के अंतिम तीन कार्य दिवसों के लिए भारतीय सर्राफा एवं आभूषण संघ लिमिटेड द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के औसत के बराबर होगा.
Gold Hallmarking : हॉलमार्क क्या है? हॉलमार्क वाले सोने की पहचान कैसे करें।
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Gold Hallmarking – हॉलमार्क सोना क्या है?
फ्रेंड्स हॉलमार्क (friends hallmarking) धातु की गुणवत्ता के रूप में प्रमाणित सोने, चांदी, प्लेटिनम आदि जैसी कीमती धातुओं की गुणवत्ता को प्रमाणित करने के लिए लगाया जाने वाला आधिकारिक चिह्न है।
इंपोर्ट ड्यूटी में 5 फीसदी की बढ़ोतरी
आयात को घटाने के लिए सरकार ने गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी में 5 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2022 से लागू की गई थी. सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 10.75% से बढ़कर 15.75% कर दी गई है. इंपोर्ट ड्यूटी और GST समेत सोने पर कुल 18.75% टैक्स चुकाना पड़ रहा है.
30 जून सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5 फीसदी थी, जो सेस और दूसरे चार्ज मिलाकर कुल 10.75 फीसदी थी. लेकिन इंपोर्ट ड्यूटी 5 फीसदी बढ़ने के साथ ही अब यह 15.75 फीसदी हो गयाहै. सरकार ने बजट में इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की थी. गोल्ड पर तीन तरह की ड्यूटी लगती है. पहली बेस ड्यूटी 12.5%, दूसरा एग्री सेस 2.5%, तीसरा सोशल वेलफेयर सेस 0.75% लगता है.
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