Swing Trading क्या है?
Swing Trading कुछ ही दिन की लिए की गई होल्डिंग होती है.जैसे15 से 20 दिन के लिए. किसी स्टॉक को होल्ड करके रखना और प्रॉफ़िट होने पर बेच देना Swing Trading कहलाता है. Swing Trading एक सबसे लोकप्रिय strategy है. जिसमें simple Moving Average का इस्तेमाल 10 या फिर 20 दिनों के वैल्यू डेटा को समझने के लिए किया जाता है.साधारण भाषा में समझें तो Swing Trading डिलीवरी ट्रेडिंग का एक छोटा भाग है, जो कुछ ही टाइम पीरियड के लिए होल्ड किया जाता है.डे ट्रेडिंग और ज्यादा समय के बीच की ट्रेडिंग में Swing Trading की अपनी दुनिया है. स्विंग ट्रेड्स कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक कहीं भी ट्रेडिंग कर सकते है. Swing Trading करने वाले कई दिनों के चार्ट पैटर्न की तलाश में रहते हैं, जिससे की वो कम समय में अधिक प्रॉफिट कमा सकें. देखा जाए तो डे ट्रेडिंग से Swing Trading काफी बेहतर है.
Swing Trader कौन हैं?
Swing Trader एक ऐसे ट्रेडर हैं,जो कई दिन या फिर कई हफ्तों के अंदर ट्रेड करते हैं. और वो अक्सर चार घंटे या फिर एक दिन के चार्ट पर काम करते हैं. और इस ही पर एनालिसिस करते हैं.आपको बता दे की एक Swing Trader ज़्यादा टाइम के लिए बहुत कम ट्रेड करते हैं.साधारण भाषा में कहें तो Swing Trader कम समय और limit प्रॉफिट कमाने की कोशिश करते हैं.
Swing Trading के लाभ
Swing Trading करने के कईं फायदे खासकर नए ट्रेडर्स के लिए है. Swing Trading का मतलब मार्किट में ऊप्पर निचे होने के बाद भी आपको स्टॉक या फिर इंडेक्स की सही डायरेक्शन का पता लगवाने में मदद करना होता है.जब एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन कुछ ही मिनटो या कुछ घंटो तक ही रखता है, तो वहीं एक Swing Trader अपनी पोजीशन 24 घंटे से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड करके रख सकता है. और ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी बहुत कम हो जाती है. और प्रॉफिट होने की सम्भावना भी काफी ज्यादा होती है. जिसकी वजह से अधिकतर लोग डे ट्रेडिंग की बजाय Swing Trading करना पसंद करते हैं. Swing Trading टेक्निकल इंडीकेटर्स पर डिपेंड होती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का ज्यादतर काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना होता है. और मार्किट में उतार-चढ़ाव होने के बावजूद आपको शेयर्स या इंडेक्स की सही दिशा दिखाना होता है.
Swing Trading से जुड़े कुछ आवश्यक नियम
Swing Trading में अक्सर उपयोग किए जाने वाले शब्दों में Entry Point, Exit Point, & Stoploss शामिल हैं. जिस जगह पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की मदद से Buy करते है,उसे एंट्री प्वाइंट कहते है.सदैव अपना ट्रेडिंग प्लान तैयार रखें. बिज़नेस की कैपेसिटी को ज्यादा करने के लिए ट्रेडिंग को एक बिज़नेस की तरह समझे.नई टेक्नोलॉजी का पूरा फायदा उठाएं. कंजर्वेटिव इन्वेस्ट स्ट्रेटेजी का पालन करें.एक स्टूडेंट की तरह ही स्टॉक बाजार को सीखें और समझें. ट्रेडिंग करते हुए रिस्क पर ज़रूर ध्यान दे.एक सही ट्रेडिंग कार्य प्रणाली चुने.
कभी भी स्टॉप लॉस को इगनोर न Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है? Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है? करें. जब भी आप अपनी पोजीशन को निकालना चाहते हैं तो उससे पहले मार्किट की डायरेक्शन ज़रूर देख लें.अगर अपने स्विंग ट्रेड ली है तो बिच बिच में उसके चार्ट की एनालिसिस ज़रूर करें. स्विंग ट्रेड करते वक़्त अपने इमोशंस को काबू में ज़रूर रखें
स्विंग ट्रेडर्स कई दिनों के चार्ट और पैटर्न को एनालिसिस करते हैं, और कुछ पैटर्न जैसे
Head and Shoulders
Cup and Handle Pattern
Moving Average Crossover
Bollinger Bands Method:
Support and Resistance
का उपयोग करते हैं
निष्कर्ष
स्विंग ट्रेडर्स कईं तरह की Strategies का इस्तेमाल करते हैं यह Strategies आपको एक मजबूत नींव रखने में हेल्प करेंगी।
अगर आप नई-नई Strategies या फिर Technical and Fundamental सीखना चाहते हैं. तो हमें CONTACT 9897563039 करें हम आपको बेसिक से लेकर पूरा टेक्निकल फंडामेंटल और डेटा एनालिसिस करना सीखाते हैं.
Intraday & Swing Trading Strategy | Accurate Strategy
है | स्टॉक मार्केट में एक अनुशासित ट्रेडर वही होता है जो अपने नफा और नुकसान (Risk & Reward) का बैलेंस बना Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है? के चलता है , इसलिए कोई भी रडनीति कितनी भी सटीक क्यों ना हो सभी को Stop Loss लगा के ही ट्रेड करना चाहिए
जिससे अगर कभी नुकसान हो तो ज्यादा ना हो ,
तो चलिए दोस्तों अब जानते है इस शानदार स्ट्रेटेजी के बारे में
ट्रेडिंग के लिए शक्तिशाली इंडीकेटर | Powerfull Indicator For Trading Setup
दोस्तों हमे इस रड़नीति ( Strategy) को ” TRADING VIEW ” Plateform के फ्री वर्ज़न में बनाना है Trading View में हम फ्री में तीन इंडीकेटर का उपयोग कर सकते है |
Trading View Chart में सबसे पहले निम्न तीन इंडिकेटर लगा लेना है
- Half Trend (default Setting)
- Advance trend By trendcihoca(default Setting)
- Wave trend strategy [ Lazy Bear ] & squeze Buy Thomas.gigure(default setting)
ट्रेडिंग कैसे करना है | Prosess How To Trade
इस ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को इंट्राडे या पोजीसनल स्विंग ट्रेडिंग दोनों तरह की ट्रेडिंग में अपना सकते है इसे Stock/currancy/nifty/bank nifty/ future and option सभी Segment में इस्तेमाल कर सकते है
इंट्राडे के लिए 15 मिनट और 1 घंटे / स्विंग ट्रेडिंग लिए One day and one week chart का
उपयोग करना है
STEP 1 :
सबसे पहले स्विंग ट्रेडिंग के लिए डे चार्ट में half trend के ऊपर एक postive green candel बनना चाहिए
इंट्राडे के लिए 15 मिनट चार्ट में half trend के ऊपर p ostive green candel बने और half trend upside का Indication दे
STEP 2 :
Advance trend indicator में ExMov line पीले (yellow) colour से blue(नीला ) colour में
और most line – red colour(लाल) से green colour( हरा ) में बदल चुकी हो (acording default setting )
STEP 3 :
Wave trend indicator में wave trend line और signal line जो (+ sign format में दिखेगी )
दोनों जीरो (zero) line के ऊपर स्थित हो और wave trend line ऊपर की ओर signal line को काटे (crossover)
STEP 4 :
अब पेहली green Postive Candel को पूरा बनने दे जब पेहली green candel complete हो जाती है
फिर उसके बाद जैसे ही अगली candel पहली candel के High को cross करे तब हमे Buy possion लेना है
नोट :-
Weekly Chart में भी Stock , Half Trend के ऊपर Trade करना चाहिए / Advance Trend Indicator की ExMove Line Blue and Most Line Green हो और Wave Trend Indicator में Wave Trend Line ,Signal(+) Line को
cross करके ऊपर की ओर हो
उसी प्रकार Intraday Trade के लिए 1 Hours Chart में भी Stock , Half Trend के ऊपर Trade करना चाहिए / Advance Trend Indicator की ExMove Line Blue and Most Line Green हो और
Wave Trend Indicator में Wave Trend Line ,Signal(+) Line को cross करके ऊपर की ओर हो
Now setup done first practice this strategy on paper then use this on live market.
I will publish more wonderful strategy in comming post so please subscribe this blog .
FAQ (Frequantly Ask Questions)
Ans . Trading view Chart में इस strategy को बनाना है |
Q2 . Chart में Time Frame क्या रखना है |
Ans. Intraday trade करने के लिए 15 मिनट और 1 Hours time frame रखना है जबकि swing trading या possisonal trade लिए 1 Day और 1 week time फ्रेम का use करना है Long Term के लिए 1 Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है? month time frame use करते है |
Q 3 . Risk Reward rasio क्या रखना है |
Ans 1 : 1.5 का risk reward rasio रखना है |
Q 4 . इस strategy का Accuracy Level क्या है
Ans . 95 % To 98 % (Acording Whole market Trend )
Desclaimer : this is not recomondation to buy any stock first practice on paper then apply in Live market.
ट्रेडिंग कैसे करे इन हिंदी 2022 | Trading kaise kare in hindi
Trading kya hota hai :- ट्रेडिंग का हिंदी अर्थ “व्यापार” होता है हमारे भारत देश में ट्रेडिंग बहोत ज्यादा प्रचलित शब्द है। जिसका सिंपल मतलब व्यापार करना होता है इसमें मुख्य रूप से शेयर की खरीदी और बिक्री का व्यापार किया जाता है जो आज के समय का सबसे जल्दी पैसा कमाने का जरिया बना हुआ है। एक व्यापारी या कोई भी आम व्यक्ति इसे आज के समय में आसानी से कर सकता है। इसके बाद हम जानेंगे की Trading kaise kare in hindi में।
ट्रेडिंग कैसे करे
अगर आ सोच रहे है कि ट्रेडिंग करके लाखो रूपये कमाया जा सकता है तो आप सही सोच रहे है लेकिन लाखो रूपये जिस प्रकार आप कमा सकते है उसी प्रकार आप अपना लाखो रूपये इसमें गवा भी सकते है ट्रेडिंग करना तो आसान है मगर इसे बिना सिखे करेंगे तो आपके लिए ये जोखिम भरा हो सकता है।
ट्रेडिंग कैसे करे ? (Trading kaise kare)
ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास मुख्यतः डीमैट अकॉउंट और ट्रेडिंग अकॉउंट होना आवश्यक है इसके बिना आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते है तो सबसे पहले आप अपना डीमैट अकॉउंट खोले जिसके साथ ही ट्रेडिंग अकॉउंट अपने आप खुल जाता है। डीमैट अकॉउंट और ट्रेडिंग अकॉउंट को खोलना काफी आसान है इसके लिए गूगल प्ले स्टोर में बहोत सारे ऑनलाइन एप्प मौजूद है जिसमे आप अपना अकॉउंट खोल सकते है।
ट्रेडिंग अकॉउंट क्या होता है ? (Trading Account kya hota hai)
ट्रेडिंग अकॉउंट डीमैट अकॉउंट Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है? जैसा ही होता है लेकिन इसमें आपके द्वारा ट्रेड किये गए सभी Transaction को डाटा के रूप में रखता है दरासल ट्रेडिंग अकॉउंट आपके ब्रोकर के पास मौजूद होता है।
आपके द्वारा डीमैट अकॉउंट में शेयर की खरीदी और बिक्री को रिकॉर्ड करके ब्रोकर ट्रेडिंग अकॉउंट के मदद से आपके शेयर को आपके निर्देश अनुसार खरीद और बेच सकता है।
ट्रेडिंग के प्रकार (Trading ke prakar)
एक सफल ट्रेडर बनने के लिए आपको शेयर मार्केट में एक टाइप चूस करना होगा और उसी के अनुसार आप शेयर मार्केट में आसानी से ट्रेड कर सकते है। शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के अलग अलग प्रकार है Trading ke prakar जो निन्म है –
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है ? (Intraday Trading kya hai )
Intraday Trading वो ट्रेडिंग है जिसे एक दिन में कम्पलीट करना होता है सिंपल शब्दों में समझे तो इसमें जिस दिन शेयर को खरीदते है उसी दिन शेयर को बेचना होता है इसका एक्सपायरी डेट एक दिन का होता है। समय की बात करे तो सुबह 9:15 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक का समय दिया गया है।
अगर आप 10 बजे शेयर खरीदते है तो आपको वो शेयर 3:30 बजे तक या उससे पहले बेचना होता है यदि आप शेयर को खरीद कर नहीं बेचते है तो आपका ब्रोकर उस शेयर को बेच देता है और उसे बेचने का चार्ज आपसे वसूल करता है। अगर आप Intraday Trading करते है तो आपको इसमें समय को ध्यान में रखकर ट्रेड करना आवश्यक है।
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करे (Intraday Trading kaise kare)
Intraday Trading करने के लिए आपके पास पर्याप्त समय होना आवश्यक है क्योकि इसमें आपको मार्केट चालू होने से बंद होने तक आपको इसमें समय देना जरूरी है।
इसको करने के लिए आपको chart देखना आना चाहिए इसके बिना आप Intraday Trading नहीं कर सकते यदि आप करते है तो आपका पैसा डूबने का चांस बढ़ जाता है।
इसमें चार्ट पैटर्न का महत्व काफी Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है? ज्यादा होता है इसे करने वाले Traders chart screen के सामने ही समय बिताना पसंद करते है।
स्विंग ट्रेडिंग क्या है ? (Swing Trading kya hai )
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है जिसमे शेयर को 24 घंटे या उससे अधिक समय तक होल्ड करके रखा जा सकता है Swing Trading में ट्रेडर्स आसानी से ट्रेड कर सकते है अधिकतर लोगो Swing Trading Style में ट्रेड करना पसंद होता है ये स्टाइल ट्रेडर्स में ज्यादा पसंद किया जाता है क्योकि इसमें जोखिम कम होने का चांस रहता है।
Swing Trading kya hai ये तो आप लोग समझ गए होंगे लेकिन इसे सफल बनाने के लिए इंडिकेटर का उपयोग अधिक मात्रा में किया जा रहा है जो जोखिम को कम करने में सहायक होता है।
स्कल्पिंग ट्रेडिंग क्या है ? (Scalping Trading kya hai)
Scalping Trading एक ऐसी ट्रेडिंग है जिसमे शेयर को कम से कम 1 minute और ज्यादा से ज्यादा 5 minute तक के लिए ट्रेडर्स ट्रेडिंग करते है इस Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है? तरह के ट्रेडिंग स्टाइल में ट्रेडर्स हमेसा बड़ी मात्रा में शेयर को खरीदते है और 1 minute के भीतर लाभ कमा कर शेयर बेच देते है ऐसा ट्रेडर्स बार बार करके छोटी छोटी मात्रा में अधिक लाभ कमा लेते है।
इसमें जितना आसानी से लाभ कमाया जा सकता है उतना ही आसानी से पैसा गवाया भी जा सकता है इसलिए इस ट्रेडिंग को करने वाले ट्रेडर्स काफी ज्यादा स्किल्ड या अनुभवी होते है इसमें चार्ट पैटर्न को बारीकी से देखना और उसके हिसाब से ट्रेड करना होता है।
स्कल्पिंग ट्रेडिंग स्ट्रैटजी इन हिंदी ? (Scalping Trading strategy in hindi)
Scalping Trading kya hai ये आप समझ गए होंगे अब बात करते है Scalping Trading strategy के बारे में, तो चलिए जानते है कि Scalping Trading के लिए कैसे strategy बनाते है जो निन्म है –
- इसमें सबसे पहले आपको ऐसे स्टॉक को खोजना होगा जो मार्केट में काफी ज्यादा Volatility मतलब काफी ज्यादा उछाल या गिरावट उतपन्न करते है।
- Volatility शेयर स्टॉक खोजने के लिए इंटरनेट में बहोत सरे वेबसाइट मौजूद है जो आपको आसानी से ऐसे स्टॉक खोज कर दे सकते है।
- Volatility स्टॉक मिलने के बाद चार्ट पैटर्न को 1 minute से 5 minute के बिच सेट करके ध्यान पूर्वक देखे।
- चार्ट पैटर्न में इंडीकेटर्स का उपयोग करे।
पोसिशनल ट्रेडिंग क्या है (Positional Trading kya hai)
शेयर मार्केट में शेयर को 1 महीने से ज्यादा होल्ड करके रखने को Positional Trading कहते है इसे आप अपने मर्जी के अनुसार कभी भी बेच सकते है इसमें पैसा डूबने का जोखिम कम होता है इसलिए ज्यादा तर इन्वेस्टर्स अपने पैसे इसी में इन्वेस्ट करते है और लम्बे समय तक होल्ड करके बाद में बेच देते है। ऊपर आप समझ गए होंगे कि Trading kaise kare और स्ट्रैटजी कैसे बनाये।
जोखिम प्रबंधन तकनीकों के कुछ उदाहरण क्या हैं?
Swing Trading Strategies - Volume Profile Trading Strategy For Swing Trading (दिसंबर 2022)
विषयसूची:
व्यावसायिक जीवन चक्र के दौरान विविध प्रकार के मूर्त और अमूर्त रूपों में व्यापार जोखिम आता है। कुछ जोखिम व्यापार परिचालन के सामान्य पाठ्यक्रम के दौरान होते हैं, जबकि अन्य असाधारण परिस्थितियों के कारण होते हैं जिन्हें आसानी से पहचान नहीं किया जाता है। किसी कंपनी के व्यापार मॉडल, उद्योग या कमाई के स्तर के बावजूद, व्यावसायिक जोखिमों को व्यापार नियोजन के रणनीतिक पहलू के रूप में पहचाना जाना चाहिए। एक बार जोखिमों की पहचान की जाती है, तो कंपनियां उनकी व्यावसायिक संपत्तियों की सुरक्षा के लिए उन्हें उचित कदम उठाती हैं। व्यापार में कार्यान्वित जोखिम प्रबंधन के सबसे आम प्रकारों में शामिल हैं बचाव, शमन, स्थानांतरण और स्वीकृति
जोखिम से बचाव
व्यापार के लिए अपने जोखिम का प्रबंधन करने का सबसे आसान तरीका यह पूरी तरह से बचने के लिए है अपने सबसे आम रूप में, परिहार तब होता है जब कोई व्यवसाय किसी भी तरह के खतरे को लेकर ज्ञात या माना जाने वाला गतिविधियों में संलग्न होने से इनकार करता है। उदाहरण के लिए, एक व्यवसाय एक नए खुदरा स्थान के लिए एक इमारत खरीदना छोड़ सकता है क्योंकि भवन की लागत को कवर करने के लिए पर्याप्त राजस्व उत्पन्न नहीं करने वाले स्थान के जोखिम के कारण उच्च है इसी तरह, एक अस्पताल या छोटे चिकित्सा अभ्यास रोगी की भलाई के लिए उच्च स्तर के खतरे को ले जाने के लिए जाने वाली कुछ प्रक्रियाओं को निष्पादित करने से बच सकते हैं। हालांकि जोखिम से बचने के लिए एक व्यवसाय की संभावित खतरों का प्रबंधन करने के लिए एक सरल तरीका है, रणनीति भी खो राजस्व क्षमता का परिणाम है
जोखिम ख़त्म करना
व्यवसाय भी शमन या कमी के माध्यम से जोखिम प्रबंधन चुन सकते हैं। व्यावसायिक जोखिम को कम करने का मतलब किसी भी नकारात्मक नतीजे या विशिष्ट, ज्ञात जोखिमों के प्रभाव को कम करना है, और इसका उपयोग अक्सर व्यापार के जोखिमों के अपरिहार्य होने पर किया जाता है। उदाहरण के लिए, एक ऑटोमेकर इस तरह के यादों की संभावित लागतों के अनुसंधान और विस्तृत विश्लेषण के प्रदर्शन से एक निश्चित मॉडल को याद करने के जोखिम को कम करता है। यदि एक दोषपूर्ण वाहन के माध्यम से किए गए नुकसान के लिए खरीदारों को भुगतान करने के लिए आवश्यक पूंजी को याद की कुल लागत से कम है, तो ऑटोमेकर एक रिकॉल जारी नहीं करना चुन सकता है इसी तरह, सॉफ़्टवेयर कंपनियां एक नए कार्यक्रम के जोखिम को कम कर देती हैं जो चरणों में उत्पाद जारी करके सही तरीके से कार्य नहीं करता है। इस प्रकार की रणनीति के माध्यम से पूंजीगत बर्बादी का जोखिम कम हो सकता है, लेकिन जोखिम का एक अंश रहता है।
जोखिम का स्थानांतरण
कुछ उदाहरणों में, व्यवसाय संगठन से जोखिम को हस्तांतरित करना चुनते हैं। वास्तविक वित्तीय नुकसान के खिलाफ सुरक्षा के बदले एक बीमा कंपनी को प्रीमियम का भुगतान करके जोखिम हस्तांतरण आमतौर पर होता है। उदाहरण के लिए, संपत्ति बीमा का उपयोग किसी कंपनी को वित्तीय क्षति से बचाने के लिए किया जा सकता है जब किसी भवन या अन्य सुविधा को क्षति पहुंचाई जाती है। इसी तरह, वित्तीय सेवाओं के उद्योग में पेशेवरों को ग्राहकों या ग्राहकों द्वारा लाया जाने वाले मुकदमों से बचाने के लिए त्रुटियों और चूक बीमा खरीद सकते हैं, जिससे दावा किया जा सकता है कि उन्हें खराब या गलत सलाह मिली है।
जोखिम स्वीकृति
जोखिम प्रबंधन स्वीकृति के माध्यम से भी लागू किया जा सकता है। यदि व्यापार गतिविधि से उत्पन्न अनुमानित लाभ इसकी संभावित जोखिम से कहीं अधिक है तो कंपनियां विशिष्ट परियोजनाओं या विस्तार के आधार पर जोखिम के एक निश्चित स्तर को बरकरार रखती हैं। उदाहरण के लिए, दवाइयों की दवाएं अक्सर नई दवाओं के विकास के दौरान जोखिम प्रतिधारण या स्वीकृति का उपयोग करती हैं अनुसंधान और विकास की लागत नई दवा की बिक्री से उत्पन्न राजस्व के लिए संभावित नहीं है, इसलिए जोखिम स्वीकार्य माना जाता है।
जोखिम प्रबंधन में जोखिम के कुछ सामान्य उपाय क्या हैं? | निवेशोपैडिया
जोखिम प्रबंधन में उपयोग किए गए सामान्य जोखिम उपायों और किसी निवेश से जुड़े जोखिम का आकलन करने के लिए आम जोखिम प्रबंधन तकनीकों का उपयोग कैसे करें।
निगमों को अल्पकालिक निवेश का प्रबंधन करने के कुछ उदाहरण क्या हैं?
कई संभावित कॉरपोरेट पदों का पता लगाएं, जो कि किसी व्यवसाय के आकार और ढांचे के आधार पर, अल्पकालिक निवेश के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हों।
स्मार्ट बीटा ईटीएफ के कुछ Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है? उदाहरण क्या हैं जो निष्क्रिय और सक्रिय प्रबंधन का उपयोग करते हैं?
स्मार्ट बीटा निवेश रणनीतियों के बारे में जानें और स्मार्ट बीटा एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड के उदाहरण खोजें जो निष्क्रिय और सक्रिय प्रबंधन दोनों का उपयोग करते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें? | How to Select Stocks for Swing Trading in Hindi?
शेयर मार्केट में ट्रैडिंग के कई विकल्प है, जिन्हे निवेशकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार चुन सकता है। जैसे दीर्घकालिक, मध्यकालिक या फिर एक दिन में सम्पन्न होने वाले लेन देन या इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)। दीर्घकालिक के लिए किए गए निवेशों में लाभ का प्रतिशत तो अधिक होता है परन्तु काफी लम्बे समय का इंतज़ार भी करना पड़ता है, कई बार ये अवधि 5 वर्ष या उससे भी अधिक की हो सकती है| इन निवेशों में जोखिम (Risk) तो काफी कम होता हैं लेकिन निवेश के लिए ज्यादा पूंजी (Corpus) की आवश्यकता होती है। अगर बात करे इंट्राडे ट्रेडिंग कि तो उसमे बाजार के बंद होने से पहले ही खरीद-बेच का सौदा कर दिया जाता है, इसमे जोखिम ज्यादा होता है पर ट्रैडिंग के लिए कम पूंजी कि जरूरत होती है। अब चाहे लंबे समय के लिए होने वाले ट्रैडिंग कि बात करे या एक दिन में पूरी होने वाली इंट्राडे ट्रेडिंग की सभी के अपने नफा नुकसान है। इन सबसे थोड़ा सा अलग एक अन्य ट्रैडिंग विकल्प भी है जिसे स्विंग ट्रैडिंग (Swing Trading) कहा जाता है।
स्विंग ट्रैडिंग क्या है? | What is Swing Trading?
स्विंग ट्रैडिंग का उद्देश स्टॉक के मूल्य में गिरावट या बढ़ोतरी को देखकर अपनी पोजिसन को होल्ड करने से है, ये अवधि 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकती है ।
जहां लंबी अवधि के निवेशों में लाभ अर्जित करने के लिए लंबे समय का इंतजार करना पड़ता है, स्विंग ट्रेडिंग के जरिए निवेशक छोटे-छोटे लाभों को अर्जित कर कम समयावधि में अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है ।
बाजार और शेयर के सही अनुमान लगाने के लिए ट्रैडर कई टेक्निकल सूचक (Indicator) का प्रयोग भी करते है जो शेयर के सही स्थिति के अनुमान लगाने में सहायक होते है।
स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे? | How to Do Swing Trading?
ट्रैडिंग अकाउंट खोले: स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको सर्वप्रथम एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की जरूरत होगी| आजकल कई ट्रेडिंग कंपनियां डेमो अकाउंट भी देती हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग को आसानी से समझ पाते हैं और लाइव ट्रैडिंग से पहले अभ्यास कर सकते है ।
बाजार का आंकलन करे: ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के पश्चात आपको बाजार विश्लेषण की जरूरत पड़ेगी, इस पर मदद के लिए कई वित्तीय टूल उपलब्ध हैं जो उचित मार्गदर्शन कर सकते हैं।
स्विंग ट्रैडिंग के लिए शेयर चुने: जब आप बाजार को अच्छे से समझ लिए हैं और अपनी जरूरत के अनुसार जोखिम के लिए तैयार हैं, अब जरूरत है आपको ऐसे स्टॉक या एजेंट की जो आपकी जरूरत के अनुसार फिट बैठता हो।
जोखिम प्रबंधन करे: ट्रेडिंग में यह आवश्यक नहीं है कि आपके द्वारा लिए गए निर्णय हमेशा सही हो और आपको हमेशा लाभ ही प्राप्त हो, कई बार सही बाजार आंकलन और रणनीति के बाद भी अप्रत्याशित हानि उठानी पड़ती है| आपको अपनी वित्तीय जोखिम के अनुसार लाभ या हानि हर तरह के जोखिम के लिए तैयार रहना चाहिए।
अपनी ऐसेट को मॉनिटर करे: अपनी ऐसेट को मॉनिटर करते रहें, देखें कि क्या वह आपकी आशा के अनुरूप प्रदर्शन कर पा रहा है या नही। सही समय पर बाहर निकलना बेहतर विकल्प हो सकता है, लाभ के साथ यहाँ कभी-कभी हानि के साथ भी हमें बाहर निकलना पड़ता है।
How to Select Stock for Swing Trading? | स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?
बाजार की दिशा: ट्रैड करते समय कुछ ट्रेडर्स मार्केट की स्थिति के अनुसार भी स्टॉक को चुनते हैं इसके लिए कंपनी के स्तिथि, उससे संबधित खबरों पर नजर रखनी चाहिए| कोशिश करे कि बेहतर प्रदर्शन कर रहे स्टॉक को ही चुना जाएI
तरलता या लिक्विडिटी: तरलता स्विंग ट्रेडर्स के लिए एक अच्छा पैमाना हो सकती हैं, अच्छी लिक्विडिटी का अर्थ है ऐसे स्टॉक जोकि ट्रेड मार्केट में बहुत बड़ी मात्रा में खरीदे या बेचे जाते हैं, ये प्रदर्शित करते है कि स्टॉक कि मांग बाजार में अच्छी है, अच्छे तरलता वाले स्टॉक अपेक्षाकृत कम जोखिम के साथ आते हैI
अन्य स्टॉक के साथ तुलना: इसमें स्टॉक की तुलना उसी सेक्टर से संबंधित अन्य स्टॉक के प्रदर्शन के साथ की जाती है ताकि अधिकतम प्रभावशाली या बेहतर प्रदर्शन वाले स्टॉक को चुना जा सके।
स्टॉक का ट्रैडिंग पैटर्न: स्टॉक के पुराने ट्रेडिंग पैटर्न को देखकर ही भविष्य के लिए उस Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है? स्टॉक के लिए अनुमान लगाए जाते है, अतः जो स्टॉक एक निश्चित उतार-चढ़ाव को दोहराते हो वो अच्छे विक्लप हो सकते है।
कम बदलाव वाले स्टॉक: ट्रेडर्स ज्यादा जंपी स्टॉक को लेना पसंद नहीं करते हैं, वह उन्हीं स्टॉक में निवेश करते हैं जो कि तुलनात्मक रूप से कम उछाल या गिरावट दिखाते हो ताकि उनके पैटर्न को अच्छे से समझा जा सकेI
Swing Traders | स्विंग ट्रेडर्स
स्विंग ट्रेडिंग, ट्रेडिंग की एक तरीका है, जिसमे स्टॉक को कुछ समयावधि तक अपने पास रखा जाता है और एक निश्चित लाभ को प्राप्त के उदेश्य से सही समय पर बेच दिया जाता है, ये समयावधि 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकती है।
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी निवेश शैली है जिसमें स्टॉक को खरीद कर होल्ड कर दिया जाता है, ताकि सही समय देखकर उससे लाभ अर्जित किया जा सके| ये लाभ काफी कम हो सकता है पर संयुक्त रूप से देखने पर ये अच्छी राशि दे सकता है|
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