हर्बल कंपनियों के लिए फिसलन एल्म फसल करने वाले अधिकांश पेशेवर वाइल्डक्राफ्टर्स प्रजातियों के लंबे जीवन को सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ प्रथाओं का उपयोग करेंगे। इन्हें अक्सर नुकसान से बचाने के लिए प्रत्येक पेड़ पर पर्याप्त छाल छोड़ना शामिल होता है। जब तक फिसलन का कारण क्या हो सकता है छाल फिर से कटाई से पहले वापस नहीं आ जाता है तब तक वे कुछ सालों तक एक पेड़ छोड़ देंगे।
फिसलन एल्म बार्क के लिए क्या उपयोग किया जाता है?
हर्बल दुनिया में, फिसलन एल्म एल्म पेड़ की एक विशेष प्रजाति की आंतरिक छाल है। इसका उपयोग कई हर्बल तैयारियों के लिए किया जाता है, जिनमें से कई गले और पाचन मुद्दों से छुटकारा पा सकते हैं। रोशनी, झुका हुआ छाल आमतौर पर हर्बल गोलियां बनाने के लिए एक बाइंडर के रूप में प्रयोग किया जाता है और घर के बने लोज़ेंजेस को एक साथ चिपकने से रोकने के लिए हल्के गैर-छड़ी कोटिंग के रूप में उपयोग किया जाता है।
फिसलन एल्म पेड़ अधिक आम अमेरिकी एल्म के समान है।
- इसकी शाखाएं अधिक बढ़ती हैं और कम बड़ी शाखाएं होती हैं।
- इसकी पत्तियां हस्ताक्षर एल्म आकार हैं - व्यापक, अंडाकार, और सरे हुए - हालांकि वे अन्य इलाकों की तुलना में अधिक सैंडपेपर जैसी बनावट के साथ बड़े होते हैं।
- कटौती करते समय, फिसलन एल्म में ट्रंक के दिल में एक लाल आंतरिक लकड़ी भी होती है।
फिसलन एल्म फसल कैसे है?
फिसलन एल्म के उपयोगी गुण भीतरी छाल से आते हैं। इसमें एक चिकना, श्लेष्म (एक गोंद जैसी गुणवत्ता) है जिसका प्रयोग मूल अमेरिकियों द्वारा अपने औषधीय लाभों के लिए किया जाता है।
फिसलन एल्म फसल के लिए, पेड़ की छाल हटा दी जाती है, फिर भीतरी छाल बाहरी छाल से अलग होती है।
वसंत में वसंत में यह सबसे अच्छा गर्मियों के दौरान किया जाता है जब सैप बह रहा है।
हालांकि, यह सलाह नहीं दी जाती है कि आप अपने स्वयं के फिसलन एल्म फसल के लिए जंगल में जाते हैं। आप डच एल्म रोग, संरक्षण भूमि जो संरक्षित हैं, के साथ मुद्दों में भाग ले सकते हैं, और आप वृक्ष की कमजोर प्रजातियों के स्वास्थ्य को और प्रभावित कर सकते हैं।
सालों से, पूरे पेड़ों को काटकर फिसलन वाले एल्म पेड़ों की कटाई की जाती है। यह निश्चित रूप से आदर्श नहीं है, विशेष रूप से बीमारी और ओवरहेस्टिंग के साथ एल्म आबादी की समस्याओं को देखते हुए।
फिसलन एल्म के लिए उपयोग करता है
फिसलन एल्म छाल एक अत्यधिक पोषक भोजन है। नरम भीतरी छाल को बीमारी से पीड़ित किसी को भी एक चिकित्सा भोजन के रूप में खिलाया जा सकता है।
यह आसानी से पचाने योग्य है और आम तौर पर एक दलिया में खिलाया जाता है या दलिया के साथ मिश्रित होता है।
फिसलन एल्म के श्लेष्म गुण इसे सुखदायक श्लेष्म झिल्ली और पाचन तंत्र के लिए प्रभावी बनाते हैं। फिसलन एल्म चाय, lozenges, और पूरक अक्सर आईबीएस और दिल की धड़कन के लिए एक वैकल्पिक, प्राकृतिक उपचार माना जाता है। इसका उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें क्योंकि यह अन्य दवाओं का सामना कर सकता है।
फिसलन एल्म गोलियां, बोलस, और एक प्राकृतिक धूलने वाले पाउडर के रूप में एक बाइंडर के रूप में उपयोगी है ताकि आपकी हर्बल बूंदों को एक साथ चिपकने से रोक सके। यह एक नरम शरीर पाउडर, नमक, और होंठ बाम और अन्य त्वचा सुखदायक बाम में भी प्रयोग किया जाता है।
Traction Control: गीली सड़कों पर गाड़ी को फिसलने से बचाता है यह सेफ्टी फीचर, जानें क्या है ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश में मानसून का सीजन शुरू हो चुका है और अब तक कई राज्यों में दस्तक दे चुका है। मानसून के सीजन में लगातार बारिश से सड़कों पर पानी का जमाव और फिसलन आम बात है और यह गाड़ियों पर भी लागू होती है। ऐसे में ज्यादातर लोगों की सलाह होती है की बारिश शुरू होने से पहले ही गाड़ियों के टायर को बदल लेना चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी गाड़ी में दिया गया ट्रैक्शन कंट्रोल (Traction Control) इस मुश्किल को आसानी से हल कर सकता है। तो चलिए जानते हैं कि ट्रैक्शन कंट्रोल क्या होता है और बारिश के दौरान फिसलन को कैसे कम करता है।
मुगल रोड और द्रास में सीजन की पहली बर्फबारी
जेएनएन, राजौरी/जम्मू : धीरे-धीरे मौसम करवट बदल चुका है। ठंड ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। जम्मू संभाग के पुंछ से कश्मीर को जोड़ने वाले मुगल रोड पर पीर की गली में रविवार को बर्फबारी हुई। इससे मुगल रोड में आवाजाही बंद कर दी है। ऊधर, लद्दाख के द्रास में भी पहली बर्फबारी हुई। वहीं कश्मीर के उच्चपर्वतीय क्षेत्रों में हल्का हिमपात हुआ। गुलमर्ग में भी बर्फबारी हुई है। जम्मू कश्मीर में पहाड़ी क्षेत्रों में ठंड बढ़ गई है।
पुंछ में पीर की गली के पास तीन से चार इंच के आसपास बर्फ गिरी है। इसके कारण सड़क पर काफी फिसलन हो गई है। इसके चलते प्रशासन ने वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। रविवार को खराब मौसम के बीच देर शाम को पीर की गली सहित ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो गई। थाना प्रभारी सुरनकोट अनिल शर्मा ने कहा कि वाहनों को पोशाना से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। मार्ग पर काफी फिसलन होने के कारण वाहनों की आवाजाही खतरनाक साबित हो सकता है। मुगल रोड पर वाहनों का परिचालन तत्काल रोक दिया गया है। मौसम साफ होने के बाद जब फिसलन कम होगी तो फिर वाहनों की आवाजाही को बहाल किया जाएगा। द्रास और श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग फिसलन का कारण क्या हो सकता है पर, उसके आसपास के जोजिला दर्रे और मीना मार्ग समेत अन्य इलाकों में सुबह के समय बर्फ गिरनी शुरू हो गई। अब तक जमीन पर दो से चार इंच तक बर्फ जमा हो चुकी है। इस वर्ष समय पूर्व बर्फबारी हुई है। अधिकारियों के अनुसार हिमपात यदि कुछ और घटों तक जारी रहा तो राजमार्ग पर एहतियाती तौर पर यातायात बंद करना पड़ेगा।
शिप्रा के घाट पर श्रद्धालु हो रहे घायल, आखिर क्या है कारण
उज्जैन. शिप्रा में आस्था की डुबकी लगाने दूर-दराज से श्रद्धालु रामघाट पहुंच रहे हैं, शिप्रा पूजन-स्नान में आत्म संतुष्टी की जगह उन्हें चोटिल होने का कड़वा अनुभव मिल रहा है। प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के कारण घायल होने के बाद अपनी समस्या किसे बताएं, इसके लिए भी कोई मंच नहीं इसलिए मजबूरी में सिर्फ दर्द और आक्रोश लेकर लौटना पड़ रहा है। इधर जिम्मेदार घाटों पर डुअकी लग सके जितना पानी पहुुंचाकर संतुष्ट हैं, स्नान करने आ रहे श्रद्धालुओं को किस खराब हालत से गुजरना पड़ रहा है, इसकी किसी को फिक्र नहीं है।
रामघाट पर बड़ी मात्रा में कंजी जमी हुई है। कई बार मांग उठने के बावजूद प्रशासन-नगर निगम ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। जिम्मेदारों की इस लापरवाही का खमियाजा घाट पर पूजन-स्नान करने आने वालों को झेलना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि प्रतिदिन १०-१५ लोग कंजी के कारण घाट पर फिसलकर घायल हो रहे हैं। बुधवार को भी एक दर्जन से अधिक श्रद्धालु रामघाट पर फिसलन से गिरे। पूजन के लिए दिल्ली से आए एक परिवार की कुछ महिलाएं जब पूजन करने नदी की ओर बढ़ी तो फिसलकर गिर गई। इनमें से एक महिला को सिर में काफी चोट लगी और १०-१५ मिनट तक वह दर्द से कराहती रहीं। तैराक दल ने उनकी मदद की। रतलाम से आए एक श्रद्धालु भी स्नान के दौरान फिसल गए जिससे उनके सिर में चोट लग गई। कुछ लोगों ने घायल श्रद्धालु के सिर पर हल्दी लगाकर खून रोकने का प्रयास किया। शिप्रा तैराक दल के जितेंद्र कहार ने बताया, घाट पर काई के कारण काफी फिसलन रहती है और रोज कई लोग गिरते हैं।
यह बोले श्रद्धालु
&मैं परिवार के साथ यहां पूजन व स्नान के लिए आया था लेकिन पास में कुछ लोगों को फिसलता देख बच्चों को पानी के पास नहीं आने दिया। घाट पर गंदगी व फिसलन है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। - मुकेश शर्मा, मंदसौर
&शिप्रा स्नान के लिए दूर से आए हैं लेकिन यहां पानी और घाट की स्थिति देखकर मन दुखी हुआ है। फिसलन का कारण क्या हो सकता है स्नान करने के लिए जब मैं घाट पर गया काई के कारण फिसल गया। गनीमत रही कि अधिक चोट नहीं लगी। -रोहित भटनागर, कोटा
एयरपोर्ट के रन-वे पर पानी भरा, सर्फेस एरिया में फिसलन के कारण सभी उड़ानें निरस्त
- ड्रेनेज सिस्टम होने के बाद भी रन-वे एंड पर तीन फीट तक पानी जमा - सुरक्षा की दृष्टि से निरस्त की उड़ानें, यात्री होते रहे परेशा भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। पिछले 24 घंटे से हो रही झमाझम बारिश के कारण राजा भोज एयरपोर्ट के रन-वे पर पानी भर गया है। शनिवार को सुबह रन-वे एंड पर तीन फीट तक पानी देखकर एयरपोर्ट अथारिटी ने तत्काल अपने फायर अमले
- ड्रेनेज सिस्टम होने के बाद भी रन-वे एंड पर तीन फीट तक पानी जमा
- सुरक्षा की दृष्टि से निरस्त की उड़ानें, यात्री होते रहे परेशा
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। पिछले फिसलन का कारण क्या हो सकता है 24 घंटे से हो रही झमाझम बारिश के कारण राजा भोज एयरपोर्ट के रन-वे पर पानी भर गया है। शनिवार को सुबह रन-वे एंड पर तीन फीट तक पानी देखकर एयरपोर्ट अथारिटी ने तत्काल अपने फायर अमले की मदद से पानी निकालना शुरू किया। लेकिन, लगातार बारिश के कारण पानी नहीं निकाला जा सका। अथारिटी ने सुरक्षा की दृष्टि से उड़ानों की लैंडिंग पर रोक लगा दी। बाद में सभी पांच उड़ानें निरस्त कर दी गई।
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