Free Trade Agreement: भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर जल्द बन सकती है सहमति, इस तारीख तक पूरा हो सकता है समझौता

India and Britain FTA: भारत और यूके के बीच लंबे वक्त से मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत हो रही है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि यह बातचीत जल्द ही पूरी हो सकती है.

By: ABP Live | Updated at : 16 Nov 2022 10:37 AM (IST)

FTA Between India and Britain: भारत और ब्रिटेन के बीज में लंबे वक्त से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement) को लेकर बातचीत हो रही है. पहले यह फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA India Britain) को लेकर दोनों देशों के बीच दिवाली तक समझौते की डेडलाइन रखी गई थी, लेकिन ब्रिटेन राजनीतिक संकट के कारण यह समझौता पूरा नहीं हो सका. ऐसे में अब इस मामले पर दोनों पक्ष जल्द से जल्द बातचीत को आखिरी रूप देकर एग्रीमेंट को पूरा करना चाहते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता मार्च 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है. साल 2022 के जनवरी महीने में दोनों देशों ने इस FTA के लिए बातचीत शुरू की थी जिसका यह उद्देश्य था कि यह समझौता अक्टूबर तक पूरा हो जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अब दोनों देश इसे जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं.

मार्च 2023 तक पूरा हो सकता है समझौता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों देशों के बीच एक द्विपक्षीय समझौते होने के बाद व्यापार में दोगुने से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी. अभी इस समझौते को लेकर सेक्रेटरी और मिनिस्ट्री लेवल पर बातचीत होनी है. पहले इसे दिवाली तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन ब्रिटेन के राजनीतिक संकट (Britain Political Crisis) के कारण इस डील को तब नहीं पूरा किया जा सका. ऋषि सुनक के ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री (Britain PM Rishi Sunak) बनने के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इस समझौते को जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने कही यह बात
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के जरिए 26 मुद्दो पर समझौता करने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें से करीब 14 पर दोनों देशों के बीच सहमति बन चुकी है. ब्रिटेन का प्रतिनिधिमंडल भारत के लगातार दौरे करके इस समझौते को पूरा करने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में इस बात की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ गई है कि मार्च 2023 तक इस डील को पूरी कर लिया जाएगा. इससे पहले G20 सब्मिट में पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक की मुलाकात हुई है. G20 सब्मिट में ऋषि सुनक ने कहा कि उनकी सरकार सभी देशों से मुक्त व्यापार समझौते (FTA Between India and Britain) के लिए किसी तरह की हड़बड़ी नहीं दिखाएंगी और क्वालिटी के साथ ही इस एग्रीमेंट को पूरा करेगी.

लेबर इंसेंटिव सेक्टर को मिलेगा फायदा
एक्सपर्ट्स के मुताबिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (India and Britain FTA) से भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर में ग्रोथ दर्ज की जाएगी.इसके साथ ही देश की लेबर इंसेंटिव सेक्टर जैसे प्रोसेस्ड एग्रो, लेदर, टेक्सटाइल और ज्वेलरी मुक्त व्यापार समाप्त होता है प्रोडक्ट्स जैसे सेक्टर में भी ग्रोथ दर्ज की जाएगी. इससे देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.ध्यान देने वाली बात ये है FTA एक इंटरनेशनल कानून है जिसके मुताबिक दो या दो से अधिक देश एक दूसरे के बीच व्यापार को बढ़ाने के लिए इंपोर्ट-एक्सपोर्ट की दिक्कतों को दूर करने की कोशिश करते हैं जिससे दोनों देशों के बीच ज्यादा से ज्यादा व्यापार को बढ़ावा मिल सके. इसके लिए उनके बीच में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन होता है.

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Published at : 16 Nov 2022 10:37 AM (IST) Tags: United Kingdom Free Trade Agreement INdia India-UK FTA India UK Free Trade Agreement हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Rajya Sabha: दुनिया के कई देश भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने को उत्सुक, राज्यसभ में बोले पीयूष गोयल

पीयूष गोयल ने कहा कि अरब अमीरात के साथ एफटीए मई से प्रभावी हो गया है। ऑस्ट्रेलिया के साथ ऐसे हस्ताक्षर पहले ही हो गए थे। ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीय संघ के साथ ही खाड़ी परिषद के छह देशों के साथ भी समझौते की वार्ता चल रही है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

दुनिया के कई देश भारत को एक भरोसेमंद भागीदार क रूप में देख रहे हैं और इसलिए वह भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करना चाहते हैं। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्रश्नकान के दौरान पूरक सवालों के जवाब देते हुए इस बात का जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार के विभिन्न कदमों से दुनिया भर में अपने देश का प्रभाव बढ़ा है और कई देश भारत का व्यापारिक साझीदार बनना चाहते हैं।

पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि वियतनाम और बांग्लादेश ने सूती वस्त्र एवं परिधान के मामले में बढ़त बना ली है। इस क्षेत्र में बांग्लादेश के आगे निकलने का एक बड़ा कारण उसका अल्पविकसित देश (एलडीसी) होना है और वह 2026 तक इस सूची में रहेगा। उन्होंने कहा कि एलडीसी देश होने के नाते उसे सीमा शुल्क में छूट मिलती है, जबकि भारतीय उत्पादों पर 10% तक सीमा शुल्क लगता है।

यूरोपीय संघ समेत छह देशों से वार्ता जारी। गोयल ने कहा कि अरब अमीरात के साथ एफटीए मई से प्रभावी हो गया है। ऑस्ट्रेलिया के साथ ऐसे हस्ताक्षर पहले ही हो गए थे। ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीय संघ के साथ ही खाड़ी परिषद के छह देशों के साथ भी समझौते की वार्ता चल रही है।

अब तक 13 समझौते कर चुका है भारत
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, भारत अब तक 13 मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) कर चुका है। एफटीए के तहत दो या दो से अधिक देशों एवं समूहों के बीच होने वाले व्यापार को और सरल बना दिया जाता है। इसमें आयात या निर्यात होने वाले उत्पादों और सेवाओं पर सीमा शुल्क, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा को या तो बहुत घटा दिया जाता है या पूरी तरह से खत्म कर दिया जाता है।

हालांकि, तब भी सरकारें कुछ उत्पादों और सेवाओं को अपने नियंत्रण में रख सकती हैं। मसलन, किसी देश ने दूसरे देश एफटीए समझौता किया गया। लेकिन, एक देश की सरकार ने किसी खास दवा के आयात को इस समझौते से बाहर कर दिया, क्योंकि वहां उस दवा को नियामकीय मंजूरी प्राप्त नहीं थी। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर भी यही नियम लागू होता है।

विस्तार

दुनिया के कई देश भारत को एक भरोसेमंद भागीदार क रूप में देख रहे हैं और इसलिए वह भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करना चाहते हैं। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्रश्नकान के दौरान पूरक सवालों के जवाब देते हुए इस बात का जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुक्त व्यापार समाप्त होता है नीत सरकार के विभिन्न कदमों से दुनिया भर में अपने देश का प्रभाव बढ़ा है और कई देश भारत का व्यापारिक साझीदार बनना चाहते हैं।

पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि वियतनाम और बांग्लादेश ने सूती वस्त्र एवं परिधान के मामले में बढ़त बना ली है। इस क्षेत्र में बांग्लादेश के आगे निकलने का एक बड़ा कारण उसका अल्पविकसित देश (एलडीसी) होना है और वह 2026 तक इस सूची में रहेगा। उन्होंने कहा कि एलडीसी देश होने के नाते उसे सीमा शुल्क में छूट मिलती है, जबकि भारतीय उत्पादों पर 10% तक सीमा शुल्क लगता है।

यूरोपीय संघ समेत छह देशों से वार्ता जारी। गोयल ने कहा कि अरब अमीरात के साथ एफटीए मई से प्रभावी हो गया है। ऑस्ट्रेलिया के साथ ऐसे हस्ताक्षर पहले ही हो गए थे। ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीय संघ के साथ ही खाड़ी परिषद के छह देशों के साथ भी समझौते की वार्ता चल रही है।

अब तक 13 समझौते कर चुका है भारत
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, भारत अब तक 13 मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) कर चुका है। एफटीए के तहत दो या दो से अधिक देशों एवं समूहों के बीच होने वाले व्यापार को और सरल बना दिया जाता है। इसमें आयात या निर्यात होने वाले उत्पादों और सेवाओं पर सीमा शुल्क, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा को या तो बहुत घटा दिया जाता है या पूरी तरह से खत्म कर दिया जाता है।

हालांकि, तब भी सरकारें कुछ उत्पादों और सेवाओं को अपने नियंत्रण में रख सकती हैं। मसलन, किसी देश ने दूसरे देश एफटीए समझौता किया गया। लेकिन, एक देश की सरकार ने किसी खास दवा के आयात को इस समझौते से बाहर कर दिया, क्योंकि वहां उस दवा को नियामकीय मंजूरी प्राप्त नहीं थी। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर भी यही नियम लागू होता है।

मुक्त व्यापार समाप्त होता है

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Q. India has signed bilateral free trade agreements (FTA) with which of the following:

Select the correct answer using the code given below.

Q. भारत ने निम्नलिखित में से किसके साथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं ? निम्नांकित कूटों का प्रयोग करके सही उत्तर चुनें:

'भारतीयों की भीड़ बढ़ जाएगी', वाले बयान पर घिरीं ब्रिटेन की गृह मंत्री, अब मोदी सरकार ने दिया जवाब

ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमेन ने ब्रिटेन और भारत के बीच होने वाले मुक्त व्यापार समझौते को लेकर कड़ा विरोध किया था. इस मुक्त व्यापार समझौते के तहत कोई भी भारतीय कामगार या छात्र को ब्रिटेन जाने में सहूलियत होगी. अब भारत सरकार ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि भविष्य में कोई भी समझौता दोनों तरफ के लाभों को देखते हुए होगा.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर (File Photo : PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 07 अक्टूबर 2022, 7:58 PM IST)

ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमेन ने कहा था कि ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों और वीजा से अधिक समय बिताने वाले लोगों की संख्या में भारतीय सबसे ज्यादा हैं. उन्होंने ब्रिटेन और भारत के बीच होने वाले मुक्त व्यापार समझौते को लेकर कड़ा विरोध किया था. इस मुक्त व्यापार समझौते के तहत कोई भी भारतीय कामगार या छात्र को ब्रिटेन जाने में सहूलियत होगी. अब भारत सरकार ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि माइग्रेशन को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है. इन मुद्दों पर अभी टिप्पणी करना उचित नहीं है.

क्या कहा था ब्रेवरमेन ने
ब्रिटिश मैगजीन द स्पेक्टेटर को दिए एक इंटरव्यू में ब्रेवरमेन ने कहा था कि मैं भारतीयों के लिए ब्रिटेन की सीमा खोलने वाली इस नीति को लेकर काफी चिंतित हूं. भारतीय प्रवासी ब्रिटेन में अपनी वीजा अवधि से ज्यादा समय बिताते हैं. गृह मंत्री ने पिछले साल पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल के द्वारा किए गए प्रवासन और गतिशीलता भागीदारी (एमएमपी) समझौते की भी आोलचना की थी. उन्होंने दावा किया कि इससे देश में अवैध प्रवासियों और वीजा से अधिक समय बिताने वाले लोगों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. ब्रेवरमेन ने यहां तक कह दिया कि मुझे नहीं लगता लोगों ने इसलिए ब्रेग्जिट के लिए वोट किया था.

भारत ने दिया जवाब
भारतीय उच्चायोग ने बयान जारी करते हुए कहा है कि एमएमपी समझौते के तहत सरकार उन सभी भारतीय नागरिकों को वापस लाने को लेकर प्रतिबद्ध है जिनकी वीजा अवधि समाप्त हो चुकी है. बयान में कहा गया है कि गृह मंत्रालय द्वारा साझा किए आंकड़ों को लेकर उच्चायोग ने अपने स्तरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. एमएमपी प्रोटोकॉल के तहत ब्रिटेन द्वारा किए गए वादों को लेकर भी हम प्रतीक्षा कर रहे हैं.

जानो मुक्त व्यापार क्या है? Free Trade Kya Hai? Mukt Vyapar Kya Hai

जानो मुक्त व्यापार क्या है? Free Trade Kya Hai? Mukt Vyapar Kya Hai

हालांकि, मुक्त व्यापार नीतियों को लागू करने के बहुत कम प्रयास सफल रहे हैं। मुक्त व्यापार क्या है? Mukt Vyapar Kya Hai अर्थशास्त्री इसे आम जनता से अलग क्यों देखते हैं?

  • देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के अप्रतिबंधित आयात और निर्यात को मुक्त व्यापार कहा जाता है।
  • संरक्षणवाद, जो एक प्रतिबंधात्मक व्यापार नीति है जो अन्य देशों से प्रतिस्पर्धा को खत्म करना चाहता है।
  • अधिकांश औद्योगिक देश हाइब्रिड मुक्त व्यापार समझौतों या एफटीए (FTA) में भाग लेते हैं।
  • FTA बहुपक्षीय समझौते टैरिफ, कोटा और अन्य व्यापार प्रतिबंधों की अनुमति देते हैं और उन्हें नियमित करते हैं।

मुक्त व्यापार की परिभाषा क्या है?

ऐसी व्यापारिक नीति जिसमें किसी भी देशों के बीच वस्तुओं के आयात और निर्यात पर कोई कर नहीं लगता है उसे मुक्त व्यापार या व्यापारिक उदारीकरण कहते हैं।

मुक्त व्यापार, इस अर्थ में, संरक्षणवाद के विपरीत है जो एक रक्षात्मक व्यापार नीति है जो विदेशी प्रतिस्पर्धा को समाप्त करती है।

हालांकि, भले ही सरकार के पास आम तौर पर उदार व्यापार नीतियां हों, फिर भी उन्हें आयात और निर्यात को प्रतिबंधित करने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे।

अधिकांश औद्योगिक देशों में “मुक्त व्यापार समझौते”, या अन्य देशों के साथ एफटीए हैं जो आयात और निर्यात पर मुक्त व्यापार समाप्त होता है लगाए जा सकने वाले टैरिफ, शुल्क और सब्सिडी का निर्धारण करते हैं।

सबसे प्रसिद्ध एफटीए में से एक संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता है।

एफटीए में भागीदारी के बावजूद कई सरकारें अभी भी संरक्षणवादी व्यापार प्रतिबंध, जैसे टैरिफ या सब्सिडी लागू करती हैं। तथाकथित चिकन टैक्स, जो कुछ कारों, हल्के ट्रकों और वैन पर 25% टैरिफ लगाता है।

मुक्त व्यापार की अवधारणा

यह सिद्धांत बताता है कि सभी देशों को मुक्त व्यापार और सहयोग से लाभ होगा।

mukt vyapar kya hai

तुलनात्मक लाभ के नियम का श्रेय अक्सर एक अंग्रेजी अर्थशास्त्री डेविड रिकार्डो को दिया जाता है, जिन्होंने 1817 में “राजनीतिक अर्थव्यवस्था और कराधान के सिद्धांत” लिखे थे।

किसी देश की अन्य देशों की तुलना में कम कीमत पर वस्तुओं का उत्पादन करने और सेवाओं की पेशकश करने की क्षमता को संदर्भित करता है।

तुलनात्मक लाभ के कई विशेषताओं को साझा करता है मुक्त व्यापार समाप्त होता है वैश्वीकरण। यह सिद्धांत बताता है कि अधिक व्यापार खुलेपन से सभी देशों में उच्च जीवन स्तर प्राप्त होगा।

तुलनात्मक लाभ से तात्पर्य किसी देश की अन्य देशों की तुलना में कम कीमतों पर अधिक माल का उत्पादन करने की क्षमता से है।

पूर्ण लाभ एक ऐसा देश है जो अन्य देशों की तुलना में अपने माल के लिए कम शुल्क लेता है जबकि अभी भी लाभ कमा रहा है।

मुक्त व्यापार के लाभ

आइए पढ़ते हैं कि अगर कोई देश मुक्त व्यापार को लागू करता है तो उसके क्या-क्या फायदे होंगे।

  • यह आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करता है। यहां तक ​​​​कि जब टैरिफ लागू नहीं होते हैं, तब भी सभी देश अधिक आर्थिक विकास का अनुभव करते हैं।
  • यह उपभोक्ताओं को लाभान्वित करता है टैरिफ और कोटा जैसे व्यापार प्रतिबंध, जो स्थानीय उद्योगों और व्यवसायों की रक्षा के लिए लागू किए जाते हैं
  • कीमतों को कम करने में मदद करते हैं, जब व्यापार प्रतिबंध हटा दिए जाते हैं तो उपभोक्ताओं को कम कीमतों का अनुभव होता है।
  • इससे विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिलता है, विदेशी निवेशक स्थानीय व्यवसायों में निवेश करने की अधिक संभावना रखते हैं जो विस्तार और प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
  • इससे सरकारी खर्च कम होता है, सरकार अक्सर कृषि जैसे स्थानीय उद्योगों को निर्यात कोटा से होने वाली आय के नुकसान के लिए सब्सिडी देती है। एक बार कोटा हटा लिए जाने के बाद सरकार अन्य उद्देश्यों के लिए अपने कर राजस्व का उपयोग कर सकती है।
  • यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देता है: घरेलू व्यवसायों की बहुराष्ट्रीय भागीदारों द्वारा विकसित नवीनतम तकनीकों तक पहुंची है।

मुक्त व्यापार के नुकसान

इस नीति के कई लाभ हमने जाना अब आइए यह देखते हैं कि यदि इस नीति को कोई देश लागू करता है तो उस पर क्या बुरा प्रभाव पड़ेगा।

  • नौकरी के नुकसान का कारण बन सकते हैं, कम मजदूरी वाले देशों से आयातित उत्पाद बिना शुल्क के सस्ते होते हैं।
  • यह बौद्धिक संपदा की चोरी को प्रोत्साहित करता है। कई विदेशी सरकार, विशेष रूप से विकासशील देशों की सरकारें अक्सर बौद्धिक संपदा अधिकारों को गंभीरता से लेने में विफल रहती हैं।
  • यह असुरक्षित काम करने की स्थिति की अनुमति देता है। उसी तरह, विकासशील देशों में सरकारों के पास निष्पक्ष और सुरक्षित काम करने की स्थिति को विनियमित करने या सुनिश्चित करने के लिए शायद ही कभी कानून होते हैं।
  • मुक्त व्यापार आंशिक रूप से सरकार से प्रतिबंधों की अनुपस्थिति पर निर्भर है। इसका मतलब है कि महिलाओं और बच्चों को अक्सर मुश्किल काम करने की परिस्थितियों में कारखानों में काम करना पड़ता है।
  • यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है। उभरते देशों में पर्यावरण संरक्षण कानून नहीं हैं, या बहुत कम हैं। चूंकि मुक्त व्यापार के कई अवसरों में लकड़ी या लौह अयस्क और साफ-सुथरे जंगलों जैसे प्राकृतिक संसाधनों का निर्यात शामिल है।
  • यह राजस्व कम करता है: अप्रतिबंधित व्यापार के कारण उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा अंततः व्यवसायों के लिए कम राजस्व में परिणाम देती है।

व्यवसाय का अंतिम लक्ष्य अधिक लाभ कमाना है, जबकि सरकार का लक्ष्य अपने नागरिकों की रक्षा करना है।

कुल संरक्षणवाद और अप्रतिबंधित व्यापार दोनों ही हासिल नहीं होंगे। बहुराष्ट्रीय मुक्त व्यापार समझौते दोनों को मिलाने का सबसे अच्छा तरीका रहा है।.

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निष्कर्ष : Mukt Vyapar Kya Hai

हम आशा करते हैं आपको हमारी मुक्त व्यापार क्या है Mukt Vyapar Kya Hai के ऊपर यह जानकारी अच्छी लगी होगी।

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