नियामकीय कसौटियों पर कसें तो सपने बेच रहीं क्रिप्टो परिसंपत्तियां

नौ वर्ष पहले मैंने लिखा था कि इलेक्ट्रॉनिक मुद्राएं जल्दी ही सरकार और मौद्रिक प्राधिकार के लिए चिंता का विषय होंगी। मैंने पूछा था कि कर प्रशासन बिटकॉइन लेनदेन का पता कैसे लगाएगा? क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने वाली छिपी पूंजी का इस्तेमाल रोकने के लिए विदेशी एक्सचेंजों तथा अन्य नियमन में किस प्रकार बदलाव करने होंगे? क्या बिटकॉइन से करवंचना आसान हो जाएगी और सरकार की राजकोषीय नीतियां प्रभावित होंगी? बाद के वर्षों में क्रिप्टो परिसंपत्तियों ने स्वयं को हमारे वित्तीय माहौल के साथ समायोजित किया लेकिन बतौर मुद्रा अपनी संभावनाओं के साथ नहीं। संभवत: बदलाव का अहम क्षण तब आया जब चीन ने 2017 में पूंजी के बहिर्गमन के बाद स्थानीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के खिलाफ सफलतापूर्वक कार्रवाई की। 2016 में 725 अरब डॉलर की राशि चीन से बाहर गई और नियामकों ने ध्यान दिया कि क्रिप्टोकरेंसी की व्यापक उपलब्धता पूंजी नियंत्रण के प्रयास बाधित करेगी। जिन देशों में क्रिप्टोकरेंसी को वैध माना जाता है वहां भी वास्तव में वे मुद्रा नहीं हैं। आप उनके जरिये खरीद बिक्री नहीं कर सकते। क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और नियमित वित्तीय व्यवस्था को जोडऩे के उपाय प्रभावी नहीं रहे। अमेरिका में बड़े एक्सचेंजों पर आपकी क्रिप्टो परिसंपत्ति से डेबिट कार्ड जुड़ सकते हैं लेकिन उनसे लेनदेन में विफलता ज्यादा हाथ लगती है और उन पर शुल्क भी अधिक लगता है। बिटकॉइन में लेनदेन दरअसल 2017 से कम हो रहा है।

मुद्रा के तीन इस्तेमाल हैं: विनिमय का माध्यम, मूल्य संधारण और लेखा इकाई। क्रिप्टोकरेंसी विनिमय के माध्यम के रूप में उपयोगी नहीं हैं लेकिन लेखा इकाई के रूप में तो उनकी स्थिति और खराब है। उनके मूल्य में बहुत तेज उतार-चढ़ाव होता है। मूल्य संधारण के कारण ही क्रिप्टोकरेंसी का अस्तित्व अब तक बना हुआ है। उदाहरण के लिए गोल्डमैन सैक्स ने जनवरी में कहा था कि बिटकॉइन अब मूल्य के मामले में सोने से होड़ कर रही है और मूल्य के मामले में 20 फीसदी बाजार पर उसका कब्जा है। परंतु अस्थिरता की समस्या बरकरार है। सर्वाधिक स्थिर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन भी सोने की कीमत की तुलना में पांच गुना अस्थिर है। जेपी मॉर्गन के विश्लेषक मानते हैं कि यदि बिटकॉइन भी सोने के समान अस्थिर होती तो एक बिटकॉइन की कीमत डॉलर की तुलना में उसके मौजूदा मूल्य का साढ़े तीन गुना होती।

हालांकि तब से अब तक हम लंबा सफर तय कर चुके हैं। जेपी मॉर्गन निजी बैंकिंग के निवेश नीति के चेयरमैन माइकल सेंबालेस्ट ने इस माह एक रिपोर्ट जारी की जिसने मूल्य संधारण की दलील में कई खामियां उजागर कीं। पहली बात तो यह कि हमारे पास बॉन्ड, जिंस, इक्विटी या अचल संपत्ति की तरह क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई मूल्य निर्धारण मॉडल तक नहीं है। अभी तक क्रिप्टो से जुड़ी हर बात विशुद्ध अटकलबाजी है और उनकी कीमतों के पीछे कोई ठोस तर्क नहीं है। आश्चर्य नहीं कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम नियामकीय प्रश्न सामने हैं। पहला, व्यापक वित्तीय बाजारों को ऐसी सटोरिया गतिविधियों से जुड़े जोखिम से कैसे बचाया जाएगा, दूसरा, खुदरा उपभोक्ताओं को पूरी तरह सटोरिया गतिविधि पर आधारित बाजार से कैसे बचाया जाएगा और तीसरा, ऐसी गतिविधियों से कुछ लोगों को होने वाले लाभ से कैसे निपटा जाएगा? हमें भारत में हालिया घटनाक्रम को वैश्विक संदर्भों में देखना होगा। उदाहरण के लिए क्रिप्टो से जुड़े विज्ञापनों को लेकर चिंता जाहिर की है। एक वर्ष से ये विज्ञापन देश में छाये हुए हैं। सिंगापुर और स्पेन तक ऐसे विज्ञापनों के नियमन पर विचार कर रहे हैं ताकि धोखाधड़ी और खुदरा निवेशकों का जोखिम कम किया जा सके।

इसके बाद वृहद स्थिरता का मसला है। गत अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि क्रिप्टोकरेंसी की व्यापक और तेज स्वीकार्यता से अर्थव्यवस्थाओं को तब दिक्कत शुरू हो सकती है जब नागरिक स्थानीय मुद्रा के बजाय क्रिप्टो परिसंपत्तियों का इस्तेमाल शुरू कर देंगे। इससे वित्तीय स्थिरता को भी जोखिम पैदा हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भले इन दिक्कतों के बारे में न सोचा हो लेकिन अन्य उभरते देशों के बैंक ऐसा कर रहे हैं।

अंत में, करों का प्रश्न आता है। हालिया बजट में आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों को पूंजीगत लाभ मानते हुए कर लगाने की बात कही गई है। इसमें क्रिप्टोकरेंसी से अर्जित आय शामिल है। सिलिकन वैली के कई प्रमुख लोगों समेत विभिन्न जानकारों ने कहा कि ऐसा करके भारत बिटकॉइन को वैधानिक बना रहा है। अन्य लोगों ने कहा कि यह क्रिप्टो व्यवस्था के लिए एक जीत है। ऐसा कुछ नहीं है। अधिकांश जगहों पर अभी भी अवैध उपक्रमों से अर्जित आय पर कर लगता है। अमेरिकी आंतरिक राजस्व सेवा का पब्लिकेशन 17 करदाताओं को याद दिलाता है कि अगर वे कोई संपत्ति चुराते हैं तो भी उन्हें चोरी के वर्ष की आय में उसका उचित बाजार मूल्य दर्शाना होगा। यह भी लिखा गया है कि अवैध मादक पदार्थों की सौदेबाजी से हुई आय आदि को भी दर्शाना होगा। आंतरिक राजस्व सेवा करदाताओं को ऐसी आय घोषित करने को कहकर इन गतिविधियों को वैधानिक नहीं बनाता। प्रधानमंत्री ने हाल ही में विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए कहा था कि क्रिप्टो नियमन का वैश्विक हल निकालना होगा। संभवत: यह सही उत्तर है, खासकर वैश्विक वित्तीय स्थिरता, कर आधार को नुकसान तथा पूंजी के बहिर्गमन पर इसके असर को देखते हुए। यह कहना मुश्किल है कि दुनिया के नेता इस विषय को कब और कैसे हल करेंगे। इस बीच क्रिप्टो तंत्र को अपने पक्ष में दलील देनी होगी। ब्लॉकचेन आधारित तकनीक बिना क्रिप्टो के सार्वजनिक कारोबार के आगे बढ़ सकती है। ऐसे में क्रिप्टो की आगे बढऩे की दलील क्या है? यह किफायत, वृद्धि या वित्तीय समावेशन को कैसे आगे बढ़ाएगा? ऐसा इसलिए कि इस प्रश्न के बहुत कम आश्वस्त करने वाले उत्तर हैं और यही कारण है कि क्रिप्टो को घोटाला और सटोरिया कारोबार मानने वाले आज तर्क के क्षेत्र में जीत रहे हैं।

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर रोक: विदेश में धन भेजकर वर्चुअल करेंसी में नहीं कर सकते हैं निवेश, ICICI बैंक का फैसला

ICICI बैंक ने अपने ग्राहकों से कहा है कि जब भी वे विदेश में पैसा भेजेंगे तो उन्हें यह बताना होगा कि वे इसका निवेश क्रिप्टो में नहीं करेंगे। इसके लिए बैंक ने अपने 'रिटेल आउटवर्ड्स रेमिटेंस एप्लीकेशन फॉर्म' में बदलाव किया है। इसके मुताबिक, ग्राहकों को आउटवर्ड्स रेमिटेंस आवेदन पत्र देना होगा। इसे ग्राहकों को आरबीआई लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत विदेशों में स्टॉक और संपत्तियों को खरीदने के लिए पैसा ट्रांसफर के लिए हस्ताक्षर करने होंगे। एलआरएस डिक्लरेशन क्रिप्टोटोकरेंसी में डायरेक्ट निवेश तक ही सीमित नहीं है।

ग्राहकों को बैंक की बातों से सहमत होना होगा

ग्राहकों को इस बात से भी सहमत होना होगा कि एलआरएस रेमिटेंस को बिटकॉइन में काम करने वाली कंपनी के म्यूचुअल फंड या शेयर या किसी अन्य संसाधनों की इकाइयों में निवेश नहीं किया जाएगा। क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए ज्यादातर बैंकिंग सेवाएं बंद करने के बाद ICICI बैंक ने अब अपने ग्राहकों से कहा है कि वे क्रिप्टो से जुड़े निवेश के लिए रिजर्व बैंक की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) का इस्तेमाल न करें।

बैक ने फॉर्म में किया फेरबदल

फेमा के तहत घोषणा के हिस्से के रूप में, बैंक ने अपने रिटेल आउटवर्ड्स रेमिटेंस एप्लिकेशन फॉर्म में फेरबदल किया है। यहां ग्राहकों को यह घोषणा करनी होगी कि प्रस्तावित निवेशों का उपयोग क्रिप्टो असेट्स की खरीद के लिए नहीं किया जाएगा। डिक्लेरेशन में कहा गया है कि ऊपर बताए गए रेमिटेंस बिटकॉइन/ क्रिप्टोकरेंसी, वर्चुअल करेंसी (जैसे एथोरम, रिपल, लाइटकॉइन, डैश,पीयरकॉइन, डोगेकॉइन, प्राइमकॉइन, चाइनाकॉइन, वेन, बिटकॉइन या किसी अन्य वर्चुअल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन) के निवेश या खरीद के लिए नहीं है।

बैंक ने ग्राहकों के लिए शर्त डाल दी है

एलआरएस का लाभ उठाने के लिए ICICI बैंक के ग्राहकों को इन सभी शर्तों से सहमत होना होगा। एलआरएस क्रिप्टो निवेश के लिए एक प्रमुख साधन रहा है। एक क्रिप्टो एक्सचेंज के संस्थापक ने बताया कि ICICI बैंक की इस तरह की घोषणा के बाद अन्य प्रमुख बैंक भी क्रिप्टो निवेश के लिए एलआरएस दरवाजे बंद कर देंगे। यह भारतीय क्रिप्टो बाजार के ट्रांजेक्शन को प्रभावित करेगा।

2004 में रिजर्व बैंक ने पेश किया था एलआरएस

एलआरएस को 4 फरवरी, 2004 को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के आप क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कैसे कर सकते हैं कानूनी ढांचे के तहत पेश किया गया था। लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत, अधिकृत डीलर किसी भी अकाउंट या लेनदेन या दोनों के लिए एक वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) तक रेजिडेंट द्वारा स्वतंत्र रूप से रेमिटेंस की अनुमति दे सकते हैं। यह योजना कॉर्पोरेट, पार्टनरशिप फर्मों, ट्रस्ट आदि के लिए उपलब्ध नहीं है।

लोग क्रिप्टो में पैसा लगाने की कोशिश कर रहे हैं

बहुत सारे लोग क्रिप्टो में अपना पैसा लगाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि ज्यादातर लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि इसको लेकर भारत में क्या होने वाला है। इसलिए वे क्रिप्टो में निवेश करने और इसे देश के बाहर भेजने के लिए एलआरएस का उपयोग करना पसंद कर रहे हैं। क्योंकि भारत सरकार ने विभिन्न कारणों से इसे यहां अनुमति नहीं दी है।

खाएं-पिएं और बिल क्रिप्टोकरेंसी में चुकाएं: देश का पहला क्रिप्टो थीम बेस्ड कैफे भोपाल में; एलन मस्क भी इसके सपोर्टर, जानिए A to Z.

डिजिटल करेंसी के बढ़ते चलन के बीच भोपाल में ऐसा कैफे भी है, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट कर सकते हैं। यह एमपी का क्रिप्टोकरेंसी बेस्ड पहला कैफे है। हालांकि, देश का पहला क्रिप्टोकरेंसी बेस्ड रेस्टोरेंट दिल्ली के कनॉट पैलेस में पिछले साल से चल रहा है। ट्विटर खरीदने वाले एलन मस्क भी इस क्रिप्टोकरेंसी के सपोर्टर हैं। हम आपको बताएंगे कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी है क्या? कैसे इससे पेमेंट की जा सकती है? इसके नफे-नुकसान क्या हैं, लेकिन सबसे पहले जानते हैं इस यूनीक कैफे के बारे में. ।

इस पोल में हिस्सा लेकर आप अपनी राय दे सकते हैं.

क्रिप्टो विला एंड कैफे भोपाल के रोहित नगर इलाके में है। ये कैफे पूरी तरह क्रिप्टोकरेंसी थीम पर बेस्ड है। यहां का मेन्यू भी क्रिप्टोकरेंसी थीम पर ही क्रिएट किया गया है। कैफे संचालक गौरव तिवारी के मुताबिक, डेढ़ महीने में ही कैफे में 30 से ज्यादा लोग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजेक्शन कर चुके हैं। लोग रुपए में भी पेमेंट कर सकते हैं।

कैफे में क्रिप्टोकरेंसी से मिलती-जुलती क्रिएटिव डिशेज हैं। क्रिप्टोकरेंसी कॉइन की तरह डिजाइन फूड आइटम्स यहां की स्पेशियलिटी है। कैफे आप क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कैसे कर सकते हैं में एक चॉकलेट बॉम्ब नाम की डिश है, जिसमें से चॉकलेट बम फटता है और अंदर से बिटकॉइन (खाने वाला) निकलता है।

कैफे संचालक का कहना है कि इस कैफे का मकसद लोगों को अवेयर करना भी है, जिससे लोग सही जगह और सही तरीके से इन्वेस्ट कर सकें। क्रिप्टोकरेंसी के 1 कॉइन की कीमत 20 हजार से लेकर 30 लाख रुपए तक है। अब सवाल यह उठता है कि पेमेंट कैसे होगी? मान लीजिए आप बिटकॉइन (एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी) से पेमेंट कर रहे हैं। इस वक्त 1 बिटकॉइन की वैल्यू 30 लाख रुपए है। अगर कैफे में आपका बिल 1 हजार रुपए का बनता है तो इस हिसाब से आपको 0.00034 बिटकॉइन ही देना होगा। क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल पेमेंट भी कहते हैं।

कैसे करेंगे पेमेंट?
यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसे आप PhonePe, GPay और Paytm से पेमेंट करते हैं। क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो पेमेंट करने के लिए एक एक्सचेंज होना चाहिए, जो कि एक ऐप है। क्रिप्टोकरेंसी में भी पेमेंट करने के लिए क्यूआर कोड का यूज कर सकते हैं। क्रिप्टो में पे करने के लिए कस्टमर के पास एक्सचेंज ऐप होना चाहिए। क्रिप्टो विला एंड कैफे में Binance ऐप पर पे कर सकते हैं। यहां सीधे क्रिप्टोकरेंसी टु क्रिप्टो पेमेंट होती है। इसके लिए ऐप पर अकाउंट बनाकर क्रिप्टोकरेंसी खरीदना होगी।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदें?
आप क्रिप्टोकरेंसी को क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए खरीद सकते हैं। भारत में वजीरएक्स, जेबपे, कॉइनस्विच कुबेर, कॉइन डीसीएक्स गो, कॉइनबेस और बिनान्से समेत कई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज साइट पर आपको साइनअप करना पड़ेगा। KYC की प्रोसेस पूरी होने के बाद आप ऐप के एक्सचेंज वॉलेट में रुपए ट्रांसफर कर सकते हैं। फिर इन रुपए से क्रिप्टोकरेंसी को खरीदा जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू घटती-बढ़ती रहती है।

क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट पर कितना चार्ज लगता है?
अभी क्रिप्टोकरेंसी पर किसी देश का नियंत्रण नहीं है। दरअसल, ये डीसेंट्रलाइज्ड करेंसी होती है। डीसेंट्रलाइज्ड सिस्टम में लेन-देन को डिजिटल सिग्नेचर के जरिए वेरिफाई किया जाता है। इसलिए इनके ऊपर कोई भी एजेंसी, सरकार, किसी बोर्ड का अधिकार नहीं आप क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कैसे कर सकते हैं होता, जिसके चलते इसके मूल्य को रेगुलेट नहीं किया जा सकता। क्रिप्टो टु क्रिप्टो पेमेंट करने पर कोई चार्ज नहीं लगता है, लेकिन 2022-23 के केंद्रीय बजट भाषण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजेक्शन करने पर 1% का TDS भी लगता है।

भारत में क्या है क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियम?
वैसे तो हमारे देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। RBI की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा। जबकि, बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी को एसेट माना जाएगा।

क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट के फायदे
क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ रही हैं, इसलिए इन्वेस्ट करने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट सिक्योर होता है। इसमें ट्रांजेक्शन फीस बेहद कम होती है।

क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट के नुकसान भी
क्रिप्टोकरेंसी किसी भी देश की सरकार द्वारा संचालित नहीं की जाती है। इसलिए फ्रॉड होने पर आप किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। अगर आपका वॉलेट ID एक बार खो जाता है तो उस वॉलेट में आपके जितने रुपए होंगे, वह सब डूब जाएंगे। क्रिप्टोकरेंसी में मार्केट बहुत flexible होता है। इसलिए इसमें इन्वेस्ट करना बहुत ही रिस्की भी है।

CBDC और क्रिप्टोकरेंसी दोनों हैं बेहद अलग, जानें कैसे?

CBDC और क्रिप्टोकरेंसी दोनों हैं बेहद अलग, जानें कैसे?

दिल्ली न्यूज डेस्क . क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है।पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, क्योंकि उनका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।उन्होंने कहा, क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं।मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ, केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।सीबीडीसी, या भारतीय ई-रुपया, आप क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कैसे कर सकते हैं आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है।

ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह, ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है, क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है। जिसके चलते, दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है, और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं। केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है।

दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है।उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और मुद्रा दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है।क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है। वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।बिटकॉइन और एथेरियम का उपयोग कोई भी लेनदेन और भुगतान करने के लिए कर सकता है। काउंसिल के अनुसार, आज पहले से कहीं अधिक व्यापारी और स्टोर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट स्वीकार करते हैं।सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच कई विरोधाभास हैं।सीबीडीसी अधिकृत (निजी) ब्लॉकचेन पर काम करता है, जबकि क्रिप्टोकरेंसी बिना लाइसेंस (सार्वजनिक) ब्लॉकचेन पर काम करती है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी यूजर्स के लिए एक फायदा है। सीबीडीसी ग्राहकों की पहचान मौजूदा बैंक खाते के साथ-साथ समान मात्रा में व्यक्तिगत जानकारी से जुड़ी होगी।केंद्रीय बैंक सीबीडीसी नेटवर्क के लिए नियम निर्धारित करता है। क्रिप्टो नेटवर्क में अधिकार यूजर को दिया जाता है, जो आम सहमति के माध्यम से चुनाव करता है।परिषद के अनुसार, सीबीडीसी का उपयोग केवल भुगतान और अन्य मौद्रिक लेनदेन आप क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कैसे कर सकते हैं के लिए किया जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग सट्टा और भुगतान दोनों के लिए किया जा सकता है।

जानिए ई-रूपी कैसे करेगी काम? क्या होंगे इस डिजिटल करंसी के फीचर्स?

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा बीते मंगलवार को डिजिटल रुपए के पहला पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किए जाने की घोषणा की गई थी। जिसके बाद 1 दिसम्बर 2022 से इसे देश के चार महानगरों में लॉन्च किया गया है। इन चार महानगरों में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर का नाम शामिल है। खुदरा डिजिटल रुपए के इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत एसबीआई, आईसीआईसीआई, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट को शामिल किया गया है। यह डिजिटल रुपया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पूर्णरूप से एक कानूनी मुद्रा के रूप में स्वीकार किया जाएगा। तो चलिए जानते हैं ई-रूपी के बारे में विस्तार से-

क्या होंगे ई-रूपी के फीचर?

ई-रूपी या डिजिटल करंसी में हमें लगभग वे सभी फीचर मिलने वाले हैं जो हमें फिजिकल करंसी में देखने को मिलते हैं। रिजर्व बैंक के द्वारा यह डिजिटल करंसी क्रिप्टोकरेंसी को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है। यह एक CBDC यानि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है जिसे कानूनी मुद्रा माना जाएगा। इसके मूल्य में उतार-चढ़ाव नहीं देखने को मिलेगा। यानि जिस मूल्य पर हमारी फिजिकल करंसी जारी होती है यह भी वैसे ही जारी की जाएगी। इससे नकदी के सर्क्युलेशन में कमी आएगी और साथ ही ट्रांजेक्शन कॉस्ट में भी कटौती होगी।

क्या होगा दूसरा चरण?

पहले चरण में इसे 4 शहरों और 4 सरकारी और निजी बैंकों के साथ शुरू किया गया है। जबकि इसके अगले चरण में करंसी को 9 शहरों अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला में लॉन्‍च किया जाएगा।

कैसे करेगी यह करंसी काम?

डिजिटल करंसी को हम अपने बैंक अकाउंट और वॉलेट में अपने बैलेंस के माध्यम से चेक कर सकते हैं। यह करंसी इस चरण में भागीदार चारों बैंकों के मोबाइल एप्स में दिखाई देगी। सभी यूजर्स इस राशि के माध्यम से लेनदेन और अपने बाकि के काम कर पाएँगे। इस करंसी को आप बैंकों में जमा अपनी राशि के तौर पर इस्तेमाल कर पाएँगे।

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