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यदि आपका बच्चा देर से चलना शुरू करता है तो क्या यह चिंताजनक बात है?

बच्चे जब चलना शुरू करते हैं तब कई माता-पिता बड़े उत्सुक होते हैं। वे चलने के पैटर्न, बार-बार गिरने, किसी भी स्पष्ट विकृति और कभी-कभी चलने में देरी के बारे में चिंतित होते हैं। औसतन, बच्चा अपने पहले जन्मदिन के समय आसपास चलना शुरू कर देता है। इस मील के पत्थर को 8 महीने की शुरुआत से लेकर 18 महीने के समय में प्राप्त किया जा सकता है। बोलेग्स, टू-टिंग गैट यानी एक-दूसरे की ओर पैर रखकर चलना और सपाट पैर सबसे आम चिंताएं हैं जब माता-पिता क्लिनिक पहुंचते हैं।

बोलेग्स (जेनु वरुम): बोलेग्स जन्म के समय शरीर-क्रियात्‍मक होते हैं। जब बच्चा 1.5 वर्ष के आसपास होता है तब घुटने लगभग सीधे हो जाते हैं। फिजियोलॉजिकल नॉक घुटनें (जेनु वरुम) को लगभग 4 साल की उम्र में देखा जा सकता है जो धीरे-धीरे 7 साल की उम्र तक वयस्क घुटने के पैटर्न तक पहुंच जाता है। एकपक्षीय विकृति, अन्य बीमारियों या कमियों से जुड़ी जो शारीरिक पैटर्न का पालन नहीं करती हैं, उनके लिए मूल्यांकन की आवश्यकता होती है।

पैर की अंगुली की पट्टी: माता-पिता अक्सर बच्चे के चलने के पैटर्न के बारे में चिंतित होते हैं। एक बार बार पैटर्न क्या है पैर की अंगुली का मरोड़ सबसे आम शिकायत है। इन बच्चों में से अधिकांश में, जांघ की हड्डी (ऊरु का विसर्जन) की लगातार भ्रूण स्थिति के कारण विकृति हिप स्तर पर होती है। इन बच्चों में क्रॉस-लेग्ड बैठने की जगह डब्लू- पैटर्न में बैठना देखा जाता है। निरंतर ऊरु का विसर्जन किसी भी सक्रिय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है और आमतौर पर समय के साथ अपने आप हल हो जाता है।

सपाट पैर (पेस प्लैनस): भ्रूण की चर्बी पैरों को सपाट बना देती है और 3 साल की उम्र तक बनी रह सकती है। पैरों के सामान्य मेहराब आमतौर पर 3 साल की उम्र तक देखे जाते हैं। शोधकर्ताओं ने दिखाया है कि जो बच्चे नंगे पैर घूमते हैं उनकी तुलना में सपाट पैर उन बच्चों में आम है जो लगातार जुते-चप्पल पहनते हैं। सामान्यीकृत अस्थिबंध शिथिलता एक अन्य स्थिति है जहां बच्चा सपाट पैरों के साथ नजर आ सकता है। कई बच्चों को सपाट पैरों के लिए मेहराब वाले जूते निर्धारित किये जाते हैं, इनमें से ज्यादातर मामलों में, वे किसी काम के नहीं होते हैं। यह साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ये आवेषण एक सामान्य आर्च बनाते हैं।

इनमें से अधिकांश स्थितियाँ बिना किसी हस्तक्षेप के विकास के साथ हल हो जाती हैं। माता-पिता को यह समझने की आवश्यकता है कि ये शारीरिक पैटर्न हैं और इसमें किसी भी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती है।

मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती का नया पैटर्न- MP-TET के बाद एक और परीक्षा होगी- Bhopal Rojgar Samachar

भोपाल। 1 दिन पहले खबर आई थी कि मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा की वैलिडिटी लाइफटाइम हो गई है। आज पता चल रहा है कि मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती का पैटर्न ही बदल दिया गया है। यदि कोई व्यक्ति मध्य प्रदेश में सरकारी शिक्षक बनना चाहता है तो ग्रेजुएशन के बाद उसे DElEd अथवा B.Ed फिर MP TET पास करने के बाद ST (सिलेक्शन टेस्ट) भी पास करना पड़ेगा।

MPTET में मेरिट का महत्व खत्म, बस क्वालीफाई करना जरूरी है

मध्य प्रदेश में एमपी टेट यानी मध्य प्रदेश टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट अब ग्रेजुएशन और B.Ed की तरह एक आम परीक्षा हो गई है। इसमें मेरिट की कोई वैल्यू नहीं है। लाइफ में केवल एक बार क्वालीफाई करना जरूरी है। कुल मिलाकर सरकार ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में एक चरण बढ़ा दिया है। एक परीक्षा बढ़ा दी है और उम्मीदवारों के सामने एक डिफिकल्टी बढ़ गई है।

MPTST (madhya Pradesh teachers Selection test) एक बार बार पैटर्न क्या है में क्या होगा

कुछ भी स्पेशल नहीं होगा। जैसे मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित होती है वैसे ही यह भी होगी। इस परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी। मेरिट लिस्ट के आधार पर वेटिंग लिस्ट बनेगी। वेटिंग लिस्ट के आधार पर नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। सीधा सा सिद्धांत है की रेस में यदि एक और बाधा बढ़ा दी जाए तो दावेदारों की संख्या कुछ कम हो जाएगी।

MPTST का पोलिटिकल बेनिफिट क्या होगा

मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट बताता है कि सरकार जितने पदों पर भर्ती करना चाहती है उसकी तुलना में बहुत बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने मेरिट बना ली है। भोपाल समाचार डॉट कॉम को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार शिक्षकों की भर्ती नहीं करना चाहती लेकिन चुनावी साल होने के कारण दबाव बढ़ता जा रहा है। 2023 में इस झंझट से मुक्ति के लिए कुछ तो नया करना था। यह आईडिया काम आ गया। कृपया यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल अवश्य सब्सक्राइब करें क्योंकि वहां पर कुछ ऐसे अपडेट भी मिलते हैं जो वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं किए जाते।

CTET 2022: एग्जाम पैटर्न पर आधारित ‘बाल विकास’ के इन सवालों को हल कर, जांचें! अपनी तैयारी का स्तर

CTET Bal Vikas Practice Set 2022: शिक्षण के क्षेत्र में करियर बनाने की चाह रखने वाले लाखों युवा केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा 2022 के आयोजन का इंतजार कर रहे हैं, फिलहाल परीक्षा के आवेदन की प्रक्रिया सीबीएसई के द्वारा पूरी की जा चुकी है, किंतु परीक्षा प्रारंभ होने की तिथि अभी जारी नहीं की गई है यदि पिछले वर्ष आयोजित परीक्षा की बात की जाए तो यह परीक्षा 16 दिसंबर से प्रारंभ हो चुकी थी ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस वर्ष की परीक्षा का आयोजन दिसंबर के मध्य में शुरू हो सकता है.

शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET 2022) की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यहां हम बाल विकास (CTET Bal Vikas Practice Set 2022) के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों का संकलन लेकर आए हैं जिनके परीक्षा में पूछे जाने की संभावना बेहद प्रबल है इसलिए निकला जरूर पढ़ें.

बाल विकास के ऐसे ही सवाल दिलाएंगे, सीटेट 2022 में बेहतर अंक—CTET Bal Vikas Practice set for paper 1 and Paper 2

Q.1 भाषा के अर्जन एवं विकास के लिए सर्वाधिक संवेदनशील अवधि कौन सी है?

(A) जन्म पूर्व अवधि

(B) प्रारंभिक बाल्यावस्था

(C) मध्य बाल्यावस्था

Ans- B

Q.2 निम्नलिखित में से कौन-सी लारेंस कोहलबर्ग के द्वारा प्रस्तावित नैतिक विकास की एक अवस्था है?

(B) सामाजिक अनुबंधन अभिविन्यास

(C) मूर्त संक्रियात्मक अवस्था

(D) उद्योग बनाम अधीनता अवस्था

Ans- B

Q.3 कक्षा में परिचर्चा के दौरान एक शिक्षक प्रायः लड़कियों की तुलना में लड़कों पर अधिक ध्यान देता है यह किसका उदाहरण है?

(C) जेंडर संबद्धता

Ans- A

Q.4 बच्चों में जेंडर रूढ़िवादिता एवं जेंडर भूमिका अनुरूपता को कम करने के लिएनिम्नलिखित में से कौन सी पद्धति प्रभावशाली है।

(A) जेंडर पक्षपात के बारे में परिचर्चा

(B) जेंडर विशिष्ट भूमिकाओं का महत्व देना

(C) जेंडर पृथक खेल समूह बनाना

(D) जेंडर पृथक बैठने की व्यवस्था करना

Ans- A

Q.5 निम्नलिखित में से किस मनोवैज्ञानिक ने बच्चों को ज्ञान की सक्रिय जिज्ञासु के रूप में देखते हुए उनके चिंतन पर सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषय वस्तुओं के प्रभाव को महत्व दिया?

(D) लारेंस कोहलबर्ग

Ans- B

Q.6 जिग्सा पहेली को करते समय 5 वर्ष की नज्मा स्वयं से कहती हैं नीला टुकड़ा कहाँ है? नहीं यह वाला नहीं गाढे रंग वाला जिसमें यह जूता पूरा बन जाएगा ।

इस प्रकार की वार्ता को वाइगोत्सकी किस तरह से संबोधित करते हैं?

(A) व्यक्तिगत वार्ता

Ans- A

Q.7 बच्चों को संकेत देना तथा आवश्यकता पड़ने पर सहयोग प्रदान करना निम्नलिखित में से किसका उदाहरण है?

Ans- D

Q.8 निम्नलिखित व्यवहारों में से कौन-सा जीन पियाजे के द्वारा प्रस्तावित मूर्त संक्रियात्मक अवस्था को विशेषित करता है?

(A) परिकल्पित निगमनात्मक तर्क संघात्मक विचार

(B) संरक्षण कक्षा समावेशन

(C) आस्थगित अनुकरण पदार्थ यायित्व

(D) प्रतीकात्मक खेल विचारों की अनुत्क्रमणीयता

Ans- B

Q.9 बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सी पियाजे की संरचना है?

Ans- A

Q.10 आकलन की प्राथमिक उद्देश्य क्या होना चाहिए?

(A) विद्यार्थीयो के लिए श्रेणी निश्चित करना

(B) संबंधित अवधारणाओं के बारे में बच्चों को स्पष्टता तथा भ्रांतियों को समझना

(C) विद्यार्थियों के प्राप्तांक के आधार पर उनको नामांकित करना

(D) रिपोर्ट कार्ड में उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण अंकित करना

Ans- B

Q.11 निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा बुद्धि के बारे में सही है?

(A) बुद्धि एक निश्चित योग्यता है जो जन्म के समय ही निर्धारित होती है

(B) बुद्धि को मानकीकृत परीक्षणों के प्रयोग से सटीक रूप से मापा एवं निर्धारित किया जा सकता है

(C) बुद्धि एक एकात्मक कारक तथा एक एकांकी एक बार बार पैटर्न क्या है विशेषक है।

(D) बुद्धि बहू आयामी होते है तथा जटिल योग्यताओं का एक समूह है

Ans- D

Q.एक बार बार पैटर्न क्या है 12 रुही हमेशा समस्या के एकाधिक समाधानों के बारे में सोचती है। इनमें से काफी समाधान मौलिक होते हैं रूही किन गुणों का प्रदर्शन कर रही है?

(A) सृजनात्मक विचारक

(D)आत्म केंद्रित विचारक

Ans- A

Q.13 शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में वंचित समूह में संबंधित विद्यार्थियों के द्वारा सहभागिता कम होने की स्थिति में एक शिक्षक को क्या करना चाहिए ?

(A) बच्चों को विद्यालय छोड़ने के लिए कहना चाहिए

(B) इस स्थिति को जैसे है स्वीकार कर लेना चाहिए

(C) इन विद्यार्थियों से अपनी अपेक्षाओं को कम करना चाहिए

(D) अपनी शिक्षण पद्धति एवं पर विचार करना चाहिए तथा बच्चों कीसहभागिता में सुधार करने के लिए नए तरीके ढूंढने चाहिए

Ans- D

Q. 14 एक समावेशी कक्षा में एक शिक्षक को विशिष्ट शैक्षिक योजनाओं को

(A) तैयार नहीं करना चाहिए

(B) कभी-कभी तैयार करना चाहिए

(C) सक्रिय रूप से तैयार करना चाहिए

(D) तैयार करने के लिए हतोत्साहित होना चाहिए

Ans- C

Q.15 पठनवैफल्य बच्चों के प्राथमिक लक्षण क्या हैं?

(A) न्यून अवधान विकार

(B) अपसारी चिंतन पढ़ने में धारप्रवाहिता

(C) धाराप्रवाह पढ़ने की अक्षमता

(D) एक ही गतीविषयक कार्य को बार-बार दोहराना

Ans- C

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