फेड दर में वृद्धि बस भारतीय रियल एस्टेट एनआरआई के लिए अधिक आकर्षक
For the first time since July this year, the participants of the Federal Open Market Committee, led by Fed Chair Janet Yellen, were unanimous in their opinion to hike interest rates.
डोनाल्ड ट्रम्प के नए यू.एस. राष्ट्रपति के रूप में होने वाले चुनाव का असर दिखाना शुरू हो गया है, हालांकि रिपब्लिकन ने अभी तक दुनिया की सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्था के प्रमुख का पद संभाला है। उस संबंध में एक समारोह केवल 20 जनवरी को होगा। अपने चुनाव अभियान के दौरान, रियल एस्टेट मुगल देश की केंद्रीय बैंक की अध्यक्षता वाली महिला की आलोचना कर रहा था। ट्रम्प ने जेनेट येलन का आरोप लगाया, फेडरल रिजर्व की अध्यक्ष, डेमोक्रेट की मदद करने के लिए दर रखने के लिए, उसके द्वारा ट्रैश किए गए एक आरोप इसके अलावा पढ़ें: भारतीय रियल एस्टेट के लिए क्या होता है जब अमेरिकी फेडरल ब्याज दरें बढ़ती हैं? बुधवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में, येलेन ने आगामी राष्ट्रपति को दर वृद्धि के साथ बाध्य किया वास्तव में, इस साल जुलाई के बाद से पहली बार, फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) के प्रतिभागियों ने ब्याज दरों में वृद्धि के लिए अपनी राय में एकमत रखा था। अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेडरल रिजर्व) द्वारा 0.50 फीसदी और 0.75 फीसदी के बीच ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी के कारण उपभोक्ताओं और कंपनियों के लिए अधिक उधार लेने की लागत आएगी। हालांकि, यह सब के अंतर्निहित स्वर को याद करना मुश्किल था। फेड चेयर जेनेट येलन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा करते हुए कहा, "सभी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) प्रतिभागियों का मानना है कि आर्थिक नीतियों को कैसे बदल सकता है और अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, इस बारे में काफी अनिश्चितता है" "अनिश्चितता" को संकेत देने के बाद, येलेन, जिसका फेड प्रमुख के रूप में कार्यकाल 2018 की शुरुआत में समाप्त होता है, ने आगे कहा: "मैं अपने आप को कैसे संचालन करने के बारे में आने वाले राष्ट्रपति की सलाह प्रदान नहीं करने जा रहा हूं।" अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में बुनियादी ढांचे के निवेश, कर कटौती और विनियमन में 1 खरब डॉलर का आश्वासन दिया गया है ताकि देश को अधिक ऊंचाइयों की ओर बढ़ सके। जबकि ट्रम्प अपने दीर्घकालिक लक्ष्य को हासिल करने में व्यस्त है, देश में संपत्ति की कीमतें बढ़ेगी। न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, "जब फेड दरों को बढ़ाता है, तो सभी प्रकार के अन्य खर्च अंततः निकल जाते हैं।" इस तथ्य का जिक्र नहीं करने के लिए कि दुनिया भर में पटकथा प्रभाव देखा जाएगा भारत में भारत की संपत्ति पर प्रभाव महंगा होने की संभावना है, भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) फेड दर में वृद्धि के बाद अपनी नीतिगत रुख को बदल सकता है, और भविष्य में दरों में बदलाव नहीं किया जा सकता है। केंद्रीय बैंक ने 7 दिसंबर को अपनी हालिया मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों को रखने का फैसला किया, जब रियल एस्टेट डेवलपर्स ने बहुत निराश किया था। उम्मीद थी कि केंद्रीय बैंक ने केंद्र सरकार के डायमेटाइजेशन ड्राइव के कारण दरों में कमी की थी। यह भी पढ़ें: फेड दर में बढ़ोतरी आरबीआई को एक तंग जगह में रखती है अनिवासी भारतीयों के लिए अनिवासी दीन अनिवासी भारतीय (एनआरआई) अब भारतीय रियल एस्टेट में निवेश को आकर्षक ऐसा कैसे? बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, "फेडरल रिजर्व ने 2017 के लिए अनुमानित ब्याज दर में बढ़ोतरी की संख्या में वृद्धि के बाद गुरुवार को प्रमुख मुद्राओं की टोकरी के मुकाबले 14 साल के चरम पर पहुंच गया था।" यह एक संकेत है कि भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले कमजोर हो जाएगी। अब, जब भारतीय मुद्रा अमेरिकी मुद्रा के खिलाफ है, भारत के संपत्ति बाजार में निवेश एनआरआई के लिए सस्ता हो जाएगा। और, यह केवल बेहतर हो जाता है यदि आप तैयार-टू-इन-इन-प्रॉपर्टी में निवेश कर रहे हैं यह उल्लेखनीय है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 रुपये के मौजूदा मुद्रा नोट्स और 9 नवंबर को मुद्रास्फीति के बाद तैयार किए जाने वाले आवास खंड को बुरी तरह प्रभावित करने का अनुमान लगाया है। कुछ मदद से, इस सेगमेंट को संकट के माध्यम से देख सकते हैं। लेकिन, एनआरआई के तहत निर्माणाधीन परियोजनाओं में निवेश करने के लिए एक पकड़ है, भविष्य में भी डॉलर को मजबूत स्थिति बनाए रखना होगा। डॉलर के मुकाबले किसी भी कमजोर डॉलर के मुकाबले डॉलर के मुकाबले किसी एनआरआई को किस्तों में भुगतान करना नुकसान पहुंचाएगा। अगर आप एनआरआई नहीं हैं तो भी इसके लिए आपको कुछ लाभ प्राप्त करने का एक तरीका है। यहां एक तरीका है। अपने पैसे को अमरीकी डॉलर से भारतीय रुपए में परिवर्तित करें यह आपको अमीर बना देगा। आगे क्या होगा? उन चीजों पर अधिक स्पष्टता की प्रतीक्षा करें जब फेड 31 जनवरी और वॉशिंगटन में 1 फरवरी के साथ मिलते हैं। हालांकि, यह केवल 14-15 मार्च के अंत तक फैड विकास अनुमानों की घोषणा करेगा वॉशिंगटन में वे क्या करते हैं निश्चित रूप से घर पर चीजों को बदल देंगे, भी
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आपके बैंक खाते में विदेश से आता है पैसा? जानिए भरना पड़ेगा टैक्स या FEMA से मिलेगी कोई राहत
रिजर्व बैंक के मुताबिक विदेश में रहने वाला व्यक्ति भारत में अपने माता-पिता के लिए दो तरह से पैसा भेज सकता है. इसमें रुपी ड्रॉइंग अरेंजमेंट और मनी ट्रांसफर सर्विस स्कीम शामिल हैं. पहले तरीके में इनवार्ड रेमिटेंस की कोई लिमिट नहीं रखी गई है, लेकिन विदेश से पैसा व्यक्तिगत खर्च के लिए मंगाया जाना चाहिए.
क्या आपके खाते में विदेश से पैसा आता है? विदेश में कोई सगा-संबंधी है जो आपके खाते में पैसा भेजता है? अगर ऐसा है तो इनकम टैक्स का नियम जरूर जानना चाहिए. इनकम टैक्स रिटर्न में इन पैसों को दिखाना जरूरी है वरना टैक्स डिपार्टमेंट कार्रवाई कर सकता है. यह भी जानना जरूरी है कि आपके खाते में कितनी रकम टैक्स कार्रवाई से बाहर है और किस लिमिट के बाद आपको टैक्स भरना होगा.
यह बिल्कुल वैध है कि आप अपने खाते में विदेश से पैसा मंगा सकते हैं जो आपके सगे या संबंधी भेज रहे हों. ऐसा होता भी है क्योंकि कई लोगों को बुजुर्ग मां-बाप भारत में रहते हैं और उनकी विदेश में रहने वाली संतानें भारत के खाते में पैसे भेजती हैं. इस तरह के किसी भी पैसे पर टैक्स नहीं लगता. लेकिन इसका नियम है. अगर उस पैसे को किसी निवेश में न लगाएं तो टैक्स की कोई देनदारी नहीं बनती. अगर विदेश से आए उस पैसे से निवेश करें और उससे कमाई करें तो उस पर टैक्स लगेगा. यह टैक्स उसी व्यक्ति को देना होगा जिसके खाते में पैसे आएंगे.
क्या कहता है फेमा का नियम
भारत के किसी खाते में विदेश से जो पैसा आता है उसे ‘इनवार्ड रेमिटेंस’ कहते हैं. इस तरह के पैसे के लेनदेन के लिए भारत में एक खास प्रावधान बना है जिसे फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट या FEMA कहते हैं. फेमा का नियम कहता है कि अगर विदेश से पैसा किसी भारत में किसी के रोजमर्रा के खर्चे के लिए आता है तो उस पर टैक्स का कोई नियम नहीं बनता. मान लें कि माता-पिता की वित्तीय जरूरत के लिए विदेश से उनका बेटा भारत के अकाउंट में पैसा भेजता है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इतना ही नहीं, अगर विदेश से गिफ्ट, पढ़ाई-लिखाई, चिकित्सा खर्च, ट्रैवल का खर्च और डोनेशन के लिए पैसा आता है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
फेमा ने यह भी बताया है कि परिवार के किन सदस्यों को टैक्स छूट का लाभ मिल सकता है. यानी कि किन लोगों को विदेश से पैसा मिलने पर टैक्स नहीं देना होगा. विदेश से पैसा भेजने वाले की पीढ़ी का कोई मेंबर, परिवार के सदस्यों की पत्नी या पति, भाई और बहन, पति/पत्नी के भाई या बहन, पैसा भेजने वाले के माता-पिता के भाई या बहन टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे. अगर इन रिश्तों से बाहर के किसी सदस्य को विदेश से पैसा मिलता है तो उसे टैक्स देना होगा. हालांकि इसका दायरा साल में 50,000 रुपये रखा गया है. इससे कम की राशि भारत में किसी खाते में मंगाते हैं तो वह टैक्स के दायरे में नहीं आएगा.
कितने रुपये तक की मिलती है छूट
रिजर्व बैंक के मुताबिक विदेश में रहने वाला व्यक्ति भारत में अपने माता-पिता के लिए दो तरह से पैसा भेज सकता है. इसमें रुपी ड्रॉइंग अरेंजमेंट और मनी ट्रांसफर सर्विस स्कीम शामिल हैं. पहले तरीके में इनवार्ड रेमिटेंस की कोई लिमिट नहीं रखी गई है, लेकिन विदेश से पैसा व्यक्तिगत खर्च के लिए मंगाया जाना चाहिए. एमटीएसएस में यह लिमिट 2500 डॉलर का रखा गया है. भारत में रहने वाले परिवार के सदस्य एमटीएसएस के तहत साल में 30 रेमिटेंस मंगा सकता है. उस पर कोई टैक्स की देनदारी नहीं बनेगी.
विदेश से भारत में पैसे भेजने पर भले टैक्स न लगे, लेकिन जिस देश से पैसा भेज रहे हैं उसका नियम अलग होगा. हो सकता है कि वहां से पैसे भेजने पर आपको टैक्स देना पड़े. यह नियम अलग-अलग देशों में भिन्न हो सकता है. जैसे कि अमेरिका का नियम है कि अगर कोई व्यक्ति भारत में एक साल में 15000 डॉलर तक भेजता है तो अमेरिका में उस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
Dharmaj Crop Guard के शेयर कल 8 दिसंबर को होंगे लिस्ट, पहले ही दिन IPO-निवेशकों की हो सकता है इतना फायदा
Moneycontrol 1 दिन पहले Moneycontrol Hindi
© Moneycontrol द्वारा प्रदत्त Dharmaj Crop Guard के शेयर कल 8 दिसंबर को होंगे लिस्ट, पहले ही दिन IPO-निवेशकों की हो सकता है इतना फायदा Dharmaj Crop Guard Share Listing: एग्रोकेमिकल सेक्टर की कंपनी धर्मज क्रॉप गार्ड (Dharmaj Crop Guard) के शेयर कल यानी गुरुवार 8 दिसंबर को स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट होंगे। एनालिस्ट्स की मानें तो IPO निवेशकों को पहले दिन इस शेयर में दोहरे अंकों में लाभ हो सकता है। शेयर बाजार में भी मोटे तौर पर सेंटीमेंट पॉजिटव है, जिसका इस स्टॉक को लाभ मिल सकता है। एनालिस्ट्स ने कहा कि कंपनी के IPO को निवेशकों से मिली मजबूत प्रतिक्रिया, इसकी बेहतर बैलेंस-शीट और इंडस्ट्री में ग्रोथ की संभावनाओं को देखते हुए इसकी लिस्टिंग मजबूत रहने की उम्मीद है। अहमदाबाद मुख्यालय वाली Dharmaj Crop Guard का 251 करोड़ रुपये का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) 28 से 30 नंवबर के बीच खुला था और इसे करीब 35.5 गुना अधिक बोली मिली थी। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) से कंपनी को क्रमश: 48 गुना और 52 गुना अधिक बोली मिली थी। वहीं रिटेल निवेशकों ने अपने हिस्से के शेयरों को करीब 21.5 गुना अधिक सब्सक्राइब किया था। धर्मज क्रॉप गार्ड के IPO का ऊपरी प्राइस बैंड 237 रुपये है। GMP इश्यू प्राइस से 20% अधिक एनालिस्ट्स ने बताया कि Dharmaj Crop Guard के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) से संकेत मिलता है कि कंपनी के शेयर अपने 237 रुपये इश्यू प्राइस से 20% ऊपर लिस्ट हो सकते हैं। यह भी पढ़ें- Rekha Jhunjhunwala के निवेश वाले इस शेयर की 34.5% बढ़ सकती है कीमत, ICICI सिक्योरिटीज ने दी 'BUY' की सलाह Mehta Equities को 22% तक के लिस्टिंग गेन की उम्मीद Mehta Equities में रिसर्च के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट, प्राशंत ताप्सी ने बताया, "शेयर बाजार के पॉजिटिव माहौल और सभी तरह के निवेशकों से IPO को मिली अच्छी प्रतिक्रिया को देखते हुए यह उम्मीद की जा सकती है कि Dharmaj Crop के शेयर अपने इश्यू प्राइस से अधिक पर लिस्ट होंगे।" प्रशांत ने कहा कि उन्हें Dharmaj Crop Guard के शेयरों की लिस्टिंग 280 से 290 रुपये के बीच के स्तर पर होने की उम्मीद है, जो इसके इश्यू प्राइस से 18-22% अधिक है। कंपनी ने बताया कि वह IPO से मिली रकम को गुजरात में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को खोलने और वर्किंग कैपिटल की दूसरी जरूरतों को पूरा करने में करेगी। Anand Rathi को भी पॉजिटिव लिस्टिंग की उम्मीद Anand Rathi के इक्विटी रिसर्च हेड, नरेंद्र सोलंकी को भी धर्मज क्रॉप के शेयरों में पहले दिन लाभ के साथ कारोबार शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि 237 रुपये के ऊपरी प्राइस बैंड पर कंपनी की वैल्यूएशन इसके वित्त क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं वर्ष 2022 के रेवेन्यू के 27.9 गुना पर बैठती है और इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 801 करोड़ रुपये होता है। उन्होंने कहा, "कंपनी की वैल्यूएशन इसके प्रतिद्वंदी कंपनियों को देखने पर वाजिब लगती है। साथ ही इसका B2C और B2B बिजनेस मॉडल भी मजबूत है, जो स्टॉक को आकर्षक बनाता है।" डिस्क्लेमरः यहां दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह, निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और रॉय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।
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Jio Petrol Pump : ऐसे लें एजेंसी, करें मोटी कमाई
नई दिल्ली। रिलायंस ने अपने पेट्रोल पंप का कारोबार भी जियो के नाम शुरू कर दिया है। अब नए पेट्रोल पंप जियो के नाम से ही खोले ही जाएंगे। अगर आप चाहें तो नए साल पर रिलायंस जियो पेट्रोल पंप की एजेंसी मोटी कमाई शुरू कर सकते हैं। रिलायंस ने ब्रिटेन की कंपनी ब्रिटिश पेट्रोलियम (बीपी) के साथ मिलकर फ्यूल रिटेल वेंचर में 1 अरब डॉलर का निवेश कर 49 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है। अब यह कंपनी जियो-बीपी ब्रांड के नाम से काम करेगी। इसके बाद रिलायंस के पेट्रोल पंप का नाम बदलकर जियो-बीपी किया जाएगा। इसके बाद अब पेट्रोल पंप का कारोबार इसी नाम से होगा। कंपनी कुछ ही साल में करीब 3500 पेट्रोल पंप खोलने की योजना पर काम कर रही है। अगर आप पेट्रोल पंप खोलना चाहते हैं, तो नए साल पर आपके पास मौका है। ऐसे में आइये जानते हैं कि जियो पेट्रोल पंप खोलन के लिए कैसे आवेदन करना होगा और पेट्रोल पंप खुलने के बाद कितनी कमाई होगी।
जियो-बीपी पेट्रोल पंप के लिए आवेदन करने का तरीका एकदम आसान है। रिलायंस पेट्रोलियम ने अपनी वेबसाइट पर इस बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई है। नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर आप पूरी जानकारी और फार्म प्राप्त कर सकते हैं।
अगर आपको लगता है कि पेट्रोल पंप खोलना महंगा काम है, तो कंपनी अन्य तरीके से भी कमाई का मौका देती है। रिलायंस पेट्रोलिमय पेट्रोल पंप के अलावा अन्य तरीके से जुड़ने का मौका दे रही है। इसके तहत लुब्रीकेंट्स, ट्रांस कनेक्ट फ्रैंचाइजी, ए1 प्लाजा फ्रैंचाइजी, एविएशन फ्यूल से लेकर अन्य तरीके से कमाई का मौका देती है। इन कामों की फ्रैंचाइजी का विवरण बेवसाइट पर दिया गया है, अगर आप इच्छुक हैं तो ऊपर दिए लिंक को क्लिक कर पूरी जानकारी ले सकते हैं।
पेट्रोल पंप पर पेट्रोल बेचने पर प्रति लीटर 2 से 3 रुपये तक बचता है। ऐसे में अगर प्रतिदिन 5000 लीटर पेट्रोल बेचते हैं, तो औसतन 10,000 रुपये तक रोज की कमाई हो सकती है। यह कमाई महीने में करीब 3 लाख रुपये की होगी। वहीं डीजल बचने से अगर प्रति लीटर 2 रुपये की भी कमाई हो जाए, तो रोज 5 हजार लीटर डीजल बेच कर करीब 10 हजार रुपये कमाया जा सकता है। ऐसे में पेट्रोल पंप खोल कर रोज अच्छी कमाई हो सकती है।
रिलायंस और बीपी मिलकर देश में पेट्रोल पंप का जाल बिछाएंगे। कंपनी की तरफ से दी जानकारी के अनुसार अगले 5 साल में पेट्रोल पंप की संख्या को बढ़ाकर 5500 करने की योजना है। कपंनी के अभी देश में 1400 पेट्रोल पंप हैं। इस प्रकार करीब 4100 नए पेट्रोल पंप क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं खोले जाएंगे। इन पेट्रोल पंप के खुलने पर करीब 80,000 हजार लोगों को नौकरी का मौका भी मिलेगा। हालांकि अभी देश में पेट्रोल पंप के क्षेत्र में सरकारी तेल कंपनियों का बोलबाला है। अभी देश में करीब 69,392 पेट्रोल पंपों हैं। इनमें से सरकारी कंपनियों में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, बीपीसीएल और एचपीसीएल के पास करीब 62,072 पेट्रोल पंप हैं। इसी तरह इन 3 कंपनियों के पास देश के 256 विमानन ईंधन स्टेशनों में से 224 हैं। उम्मीद है कि इस नई कंपनी के बनने के बाद देश में पेट्रोल पंप की संख्या तेजी से बढ़ेगी।
पेट्रोल पंप खोलने का लाइसेंस चाहने वाले व्यक्ति की उम्र 21 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा उसके पास दसवीं पास का प्रमाणपत्र भी होना चाहिए। अगर आप यह शर्त पूरी करते हैं तो जानें महत्वपूर्ण बातें।
-जमीन स्टेट हाईवे या नेशनल हाईवे पर है, तो आपको पेट्रोल पम्प खोलने के लिए 1200 वर्ग मीटर से लेकर 1600 वर्ग मीटर जमीन होना चाहिए।-नगरीय क्षेत्र या शहर में पेट्रोल पंप खोलना चाहते हैं, तो आपके कम से कम 800 वर्ग मीटर जमीन होना चाहिए।-पेट्रोल पंप खोलना चाहते है तो 30 लाख रुपये तक निवेश करना पड़ सकता है।-जिस जमीन पर पेट्रोल पंप खोलना चाहते हैं, उसके कागज पूरी तरह से साफ सही होने चाहिए।-जिस जमीन पर पेट्रोल पंप खोलना चाहते हैं, वह जमीन कृषि भूमि है, तो आपको उसको गैर कृषि भूमि करवाना होगा।-यदि जमीन खुद की नहीं है, तो जमीन के मालिक से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा।-जमीन में पानी और बिजली का कनेक्शन होना चाहिए।-यदि जमीन लीज पर ली है, तो आपके पास लीज एग्रीमेंट होना चाहिए।-यदि जमीन खरीदी है, तो आपके पास रजिस्टर्ड सेल डीड होना चाहिए।
जियो-बीपी पेट्रोल पंप खोलना चाहते हैं तो आपको कुछ जानकारियों कंपनी को बतानी पड़ेंगी। जैसे नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल के अलावा राज्य और शहर का नाम। इसके अलावा अगर आप कोई कारोबर करते हैं, तो उसकी जानकारी भी देनी होगी। इस जानकारी के साथ आवेदन करने के बाद जियो-बीपी कंपनी आपकी दी जानकारी की सत्यता का पता लागने के लिए आपके पास आएगी। इस दौरान आपकी बताई जमीन का निरीक्षण किया जाएगा। इस निरीक्षण के बाद आप की जमीन अगर कंपनी को सही पाई जाती है तो 1 महीने के अंदर ही पेट्रोल पंप डीलरशिप का ऑफर मिल सकता है।
पेट्रोल पंप खोलने या उसका विस्तार करने के लिए बैंकों से कर्ज लिया जा सकता है। पेट्रोल पंप पर आजकल रेस्तरां जैसी सुविधाएं भी मिलने लगी हैं। इस तरह के काम के लिए लोन लिया जा सकता है। पेट्रोल पंप शुरू करने में जो खर्च आता है, वो उस क्षेत्र पर निर्भर होता है। यदि शहरी क्षेत्र में पेट्रोल पंप खोलना है तो खर्च उसी हिसाब से होगा, वहीं महानगर में खोलना चाहते हैं तो खर्च उसके हिसाब से होगा।
RBI गवर्नर दास ने कहा- दुनिया के मुकाबले भारत में घट रही महंगाई फिर भी ढील की कोई गुंजाइश नहीं
नई दिल्ली। कीमतों में तेज बढ़ोतरी पर काबू पाने के लिए रेपो दर में लगातार बढ़ोतरी के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई का खराब दौर पीछे छूट चुका है। लेकिन, अब भी इस मोर्चे पर ढिलाई बरतने की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा, कमोडिटी और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से दुनिया के मुकाबले भारत में महंगाई कम हो रही है। फिर भी, हमें अत्यधिक सतर्क रहना होगा। अगर जरूरी हो तो हमें कार्रवाई भी करनी होगी। इसलिए मैं कहता हूं कि महंगाई के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और आत्मसंतोष के लिए कोई जगह नहीं है।
आरबीआई की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद बुधवार को गवर्नर ने आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान में कमी का बचाव करते हुए कहा कि आंकड़े बताते हैं कि महंगाई का सबसे बुरा दौर पीछे छूट चुका है। आरबीआई घरेलू कारकों एवं आगामी आंकड़ों पर नजर बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि उच्च महंगाई की वजह से केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है। खुदरा महंगाई लगातार पिछले 11 महीने से आरबीआई के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।
नरमी के संकेत के रूप में देखें : पात्रा
डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि आरबीआई का प्रयास पहले महंगाई को 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से नीचे लाना है। रेपो दर में 0.50 फीसदी की जगह 0.35 फीसदी की वृद्धि को केंद्रीय बैंक की ओर से नरमी के संकेत के रूप में देखा जाना चाहिए। हालांकि, महंगाई के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और इसलिए हमारा तटस्थ रुख है। महत्वपूर्ण बात यह है कि हमने नीतिगत दर में बदलाव की मात्रा को कम कर दिया है। यह सबसे अहम बात है।
30 लाख के कर्ज पर 23 फीसदी बढ़ गई है ईएमआई
रेपो दर में बढ़ोतरी के कारण इस साल मई से अब तक 30 साल के लिए 30 लाख रुपये के कर्ज पर उपभोक्ताओं की मासिक किस्त (ईएमआई) 23 फीसदी बढ़ चुकी है। इसी तरह, अगर आपने इस साल मार्च में 20 साल की अवधि के लिए 7 फीसदी ब्याज पर 30 लाख का होम लोन लिया है तो रेपो दर में ताजा बढ़ोतरी के बाद ब्याज दर बढ़कर अब 9.25 फीसदी हो जाएगी। इससे आपकी ईएमआई 23,258 रुपये से 17.75 फीसदी बढ़कर 27,387 रुपये हो जाएगी। यह बढ़त जनवरी, 2023 में कटने वाली ईएमआई पर दिखेगी। इसके अलावा, जिन उपभोक्ताओं ने फ्लोटिंग रेट पर होम लोन लिया है तो उसकी मासिक किस्त और बढ़ जाएगी।
यह भी पढ़ें | आरबीआई का रेपो रेट में 0.25 फीसदी का एक और इजाफा संभव
…तो 13 साल बढ़ जाएगी लोन अवधि
अगर किसी उपभोक्ता ने मार्च में 6 फीसदी ब्याज पर होम लोन लिया है तो रेपो दर में 1.90 फीसदी की बढ़त के बाद उसके कर्ज की दर भी बढ़कर 7.90 फीसदी हो गई है। ऐसे में अगर आप ईएमआई नहीं बढ़वाते हैं तो 20 साल की लोन अवधि 13 साल और बढ़कर 33 साल हो जाएगी। अगर आप अवधि की जगह ईएमआई बढ़ाने का विकल्प चुनते हैं तो मासिक किस्त 20 फीसदी बढ़ जाएगी। कम अवधि वाले कर्ज पर प्रभाव बहुत कम होगा। कर्ज की अवधि 10 साल होने पर मासिक किस्त सिर्फ 9.96 फीसदी ही बढ़ेगी।
बढ़ी ईएमआई चुकाने के लिए वेतन में 10 फीसदी वृद्धि भी कम
बैंक आम तौर पर आपके हाथ में आने वाले वेतन का 50 फीसदी से कम ईएमआई रखते हैं। अगर किसी व्यक्ति का वेतन 62,000 रुपये है और उसने मार्च, 2022 में 7 फीसदी ब्याज पर 20 साल के लिए 40 लाख रुपये का होम लोन लिया है तो उसकी ईएमआई 31,012 रुपये बनती है। यह उसके शुद्ध वेतन का करीब 50 फीसदी है।
- हालांकि, रेपो दर में 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी के प्रभाव को देखते हुए जनवरी, 2023 में ब्याज दर 9.25 फीसदी हो जाएगी। इससे उसकी मासिक किस्त भी बढ़कर 36,485 रुपये हो जाएगी।
- अगर वेतन स्थिर रहता है तो इसका 59 फीसदी हिस्सा आपकी ईएमआई पर खर्च हो जाएगा। वेतन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी भी बढ़ी ईएमआई की भरपाई के लिए पर्याप्त नहीं होगी।
अगर आपके पास निवेश है, जो होम लोन पर भुगतान की जाने वाली ब्याज दर से कम रिटर्न कमा रहा है तो कुछ रकम मूलधन के रूप में जमा करना चाहिए। इससे बढ़ने वाली अवधि पर विराम लग जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर हर साल कुल कर्ज का पांच फीसदी भुगतान करते हैं तो आप 20 साल के कर्ज को 12 साल में ही चुका सकते हैं।
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