केजरीवाल ने बताया- भारत के लिए विजन
केजरीवाल ने कहा, ‘मेरे पास पूरे देश के लिए विजन है… आप ही एकमात्र माध्यम है जिसके जरिए विजन को जमीन पर उतारा जा सकता है। मैं एक ऐसे भारत क्या संकेतक बेहतर है? की कल्पना करता हूं जो शिक्षा का वैश्विक केंद्र हो, जहां कोई भूखा नहीं सोता हो, जहां वंचित वर्ग को टॉप क्लास की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें और वह धनवान बने। भारत के लिए मेरे विजन में जाति-धर्म आधारित बंटवारे की कोई जगह नहीं, भारत अगर एकजुट नहीं हुआ तो इसकी प्रगति नहीं क्या संकेतक बेहतर है? हो सकेगी।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने क्या संकेतक बेहतर है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी क्या संकेतक बेहतर है? के मुकाबले अपनी और आम आदमी पार्टी की दावेदारी पर जोर क्या संकेतक बेहतर है? दिया। उन्होंने कहा, ‘आम तौर पर राष्ट्रीय परिदृश्य में तीन प्रमुख राजनीतिक दल हैं। कानूनी तौर पर तो कई और राजनीतिक दल हैं, लेकिन बीजेपी, कांग्रेस और आप ही देशव्यापी हैं। आप अपने काम की बदौलत बीजेपी और कांग्रेस से बहुत अलग है।’ केजरीवाल ने आगे कहा कि उनकी पार्टी के तीन मूल राजनीतिक सिद्धांत हैं- कट्टर देशभक्ति, कट्टर ईमानदारी और बिल्कुल भ्रष्टाचार मुक्त।
केंद्र ने जारी किया सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स, इन राज्यों ने मारी बाजी… देखें
Kohramlive : केंद्र सरकार ने मंगलवार को सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स जारी कर दिया है। इस बार पुडुचेरी, लक्षद्वीप और गोवा ने बाजी मारी है। सबसे बेहतर राज्य की रेस में यह राज्य आगे रहे। वहीं जिलों की बात करें तो मिजोरम राज्य का आइजोल क्या संकेतक बेहतर है? और हिमाचल प्रदेश का सोलन तथा शिमला सबसे बेहतर जिलों में शुमार हुए हैं।
इन्होंने जारी किये आकंडे
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने इंस्टीट्यूट फ़ॉर कॉम्पटीटिवनेस और सोशल प्रोग्रेस इम्परेटिव के साथ मिलकर ये आकंड़े जारी किए। राज्यों क्या संकेतक बेहतर है? और जिलों की ये स्थिति लोगों की मूलभूत जरूरतें और संभावनाओं सहित 12 पैमानों के आधार पर तय की गई है। इनके अलावा पोषण, मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएं, पानी, साफ सफाई, सुरक्षा, रहन-सहन, क्या संकेतक बेहतर है? पर्यावरण की स्थिति और आधुनिक शिक्षा तक पहुंच को पैमाने के तौर पर आंका गया है।
देशभर के सभी राज्यों और जिलों को 6 टायर में बांटा गया है। इसमें पुडुचेरी का सर्वाधिक सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स में स्कोर 65.99 रहा। वहीं सबसे निचले पायदान पर बिहार और झारखंड रहे।
चीनी माल के बायकॉट की अपील: क्या बीजेपी के हथियार से 2024 फतह कर लेंगे केजरीवाल?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2024 के लोकसभा क्या संकेतक बेहतर है? चुनाव में कौन ललकारेगा? जवाब है- दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक क्या संकेतक बेहतर है? अरविंद केजरीवाल। संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनने की गुंजाइश हो ना हो, लेकिन केजरीवाल ने तो अपना दावा ठोक दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास पूरे भारत के उत्थान का रोडमैप है। दिल्ली में आयोजित आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की 11वीं मीटिंग में केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने बीजेपी को चीन के सामने हिम्मत दिखाने को ललकारा और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चीन की आक्रामक नीतियों के सामने नतमस्तक हो गई है। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने भारत के विकास के अपने अजेंडे भी गिनाए। केजरीवाल क्या संकेतक बेहतर है? के डेवलपमेंट एजेंडे में गरीब, गरीब और गरीब ही है। मतलब साफ है, अरविंद केजरीवाल बीजेपी क्या संकेतक बेहतर है? को उसी के चुनावी हथियारों से चित करने की प्लानिंग में हैं। क्या देशवासियों से चीन के सामानों के बहिष्कार की अपील इसी प्लानिंग की अहम कड़ी है?
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 301