क्या हैं Joint Account से जुड़े नियम, खुलवाने से पहले किन बातों का रखें ध्यान

Joint Account आम तौर पर बिजनेस पार्टनर, दोस्त, पति-पत्नी और परिवारों के सदस्य खोलते हैं. जो बैंक भी सेविंग अकाउंट की पेशकश करते हैं वे सभी बैंक संयुक्त खातों की सुविधा भी देते हैं.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 10 Jun 2021 07:39 PM (IST)

ज्वाइंट एकाउंट ( Joint Account) एक ऐसा बैंक खाता होता जॉइंट अकाउंट खुलवाने के फायदे? है जिसे दो या उससे ज्यादा लोग मिलकर चलाते हैं. संयुक्त खाते आम तौर पर बिजनेस पार्टनर, दोस्त, पति-पत्नी और परिवारों के सदस्य खोलते हैं.

खाताधारकों में से कोई भी ज्वाइंट खाते में जमा धन वापस ले सकता है. प्रत्येक खाताधारक के नाम वाले डेबिट कार्ड भी अलग से जारी किए जा सकते हैं. जो बैंक भी सेविंग अकाउंट की पेशकश करते हैं वे सभी बैंक संयुक्त खातों की सुविधा भी देते हैं. हालांकि कुछ बैंक ऐसे खातों के मामले में चार संयुक्त धारकों को अनुमति देते हैं.

जॉइंट अकाउंट सामान्य खातों की तरह ही होता है. यह स्थायी या अस्थायी हो सकता है. सबसे सामान्य प्रकार का जॉइंट अकाउंट किसी भी दो व्यक्तियों के बीच लागू होता है. यदि दो लोगों में से किसी एक की मृत्यु हो जाती है तो कोई भी खाता संचालित कर सकता है.

एनिवन या सर्वाइइव (Anyone or Survivor)

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  • यह खाता तब मान्य होता है जब दो से अधिक व्यक्ति संयुक्त रूप से खाता शुरू करते हैं.
  • कोई भी जॉइंट अकाउंट खुलवाने के फायदे? जमाकर्ता किसी भी समय खाते का संचालन कर सकता है.
  • जमाकर्ताओं में से यदि किसी एक कि मृत्यु हो जाती है तो अन्य जॉइंट अकाउंट खुलवाने के फायदे? खाते के साथ जारी रख सकते हैं.

फॉर्मर या सर्वाइवर (Former or Survivor)

  • इसमें केवल पहला खाताधारक ही खाता संचालित कर सकता है.
  • पहले खाताधारक के निधन पर दूसरे खातेदार को ही अधिकार मिलता है. इसके कुछ जरूरी शर्तों को पूरा करना होता है जैसे मृत्यु का प्रमाण प्रस्तुत करना आदि.
  • नाबालिग खाता (Minor Account)
  • एक अभिभावक के साथ संयुक्त रूप से एक नाबालिग के नाम से एक बचत बैंक खाता भी खोला जा सकता है. यहां अभिभावक को नाबालिग की ओर से खाते का संचालन करना चाहिए.

यह भी पढ़ें:जॉइंट अकाउंट खुलवाने के फायदे?

Published at : 10 Jun 2021 07:39 PM (IST) Tags: Bank account saving account Account Holder Joint account हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

बैंक में ज्वाइंट सेविंग अकाउंट खुलवाने के मिलते हैं कई फायदे, जान लीजिए नियम और सुविधाएं

Joint Bank Account, संयुक्त खाते आमतौर पर करीबी रिश्तेदारों या व्यावसायिक भागीदारों द्वारा खोले जाते हैं.

ऐसा बैंक अकाउंट जिसे 2 या उससे ज्यादा लोग मिलकर खाता खुलवाते हैं इसे ज्वाइंट बैंक अकाउंट कहते हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अनुसार इस तरह के बैंक अकाउंट में खाता बिजनेस पार्टनर, पति-पत्नी या फिर परिवार के सदस्य मिल कर खोल सकते हैं. इसमें खाता धारकों के नाम वाले डेबिट कार्ड जारी किए जा सकते हैं. इसके अलावा कोई भी खाता धारक ज्वाइंट अकाउंट में जमा राशि का निकास कर सकता है. ज्वाइंट अकाउंट (Joint Account) एक नॉर्मल खाते की तरह ही होता है जो कि 2 तरह का हो सकता है. स्थायी या अस्थायी. 2 लोगों में से किसी भी एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर अन्य व्यक्ति इसे संचलित कर सकता है.

एनिवन या सर्वाइवर (Anyone or Survivor)


इस तरह का खाता तब खोला जाता है जब दो लोग संयुक्त रूप से अकाउंट खुलवाते हैं. यह खाता 2 से अधिक लोग भी संयुक्त रूप में खुलवा सकते हैं. इनमें कोई भी जमाकर्ता किसी भी समय पर खाते का उपयोग कर सकता है. जमाकर्ता में से अगर किसी एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो अन्य खाते के साथ इसे जारी रख सकते हैं.

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फॉर्मर या सर्वाइवर (Former or Survivor)


इसमें सिर्फ जो पहला खाता धारक(Account Holder) है वही अकाउंट का उपयोग कर सकता है. पहले खाताधारक की मृत्यु के बाद ही दूसरा व्यक्ति इसे उपयोग कर सकता है. लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेज देना भी जरूरी होते हैं, जैसे कि डेथ सर्टिफिकेट.

माइनर अकाउंट (Minor Account)


माइनर यानि कि छोटे बच्चों के लिए भी बैंक खाता (Bank Account) खोला जा सकता है. ये खाता माता-पिता के साथ संयुक्त रूप से खोला जाता है. इसमें नाबालिग के ओर से पेरेंट्स खाते का उपयोग करते हैं.

जॉइंट अकाउंट के फायदे जॉइंट अकाउंट खुलवाने के फायदे? – आखिर क्यों होना चाहिए आपके पास ये अकाउंट

जॉइंट अकाउंट के फायदे और नुकसान तो अपनी जगह पर हैं लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है, कि आपको वाकई में एक जॉइंट अकाउंट खुलवाना चाहिए या नहीं। इसका उत्तर शायद आपको न पता हो, लेकिन मेरी सलाह में आपके पास एक जॉइंट अकाउंट जरूर होना चाहिए।

इसका सही कारण मैं आपको बता रहा हूँ।

जॉइंट अकाउंट के फायदे

जॉइंट अकाउंट का सबसे बड़ा फायदा है कि, आप इसे आसानी से मैनेज कर सकते हैं।

यदि आप अपने काम में व्यस्त हैं तब भी परिवार के अन्य सदस्य बिना किसी दिक्कत के जमा और निकासी कर सकते हैं। इस प्रकार से जॉइंट अकाउंट के फायदे में सबसे बड़ा फायदा यही है कि, यह आपका बहुत सारा समय बचाता है।

इसका दूसरा फायदा होता है कि, इसमें वित्तीय नुकसान नहीं होता है। इसका कारण है कि, सभी सदस्यों जॉइंट अकाउंट खुलवाने के फायदे? के पास इसके लेन-देन की जानकारी रहती है। इस वजह से खर्चा बजट के बाहर जाने से बचा रहता है।

जॉइंट अकाउंट के फायदे

जॉइंट अकाउंट के फायदे में तीसरा बड़ा फायदा यह है कि, कोई भी परिवार का सदस्य जो कि, इस खाते का भागीदार है। अगर वह घर से दूर रहता है और उसे पैसों की जरूरत पड़े तो वह आसानी से पैसे खाते से निकाल सकता है।

जॉइंट अकाउंट में शामिल सदस्य में यदि किसी की मृत्यु हो जाती है तब खाते में उपस्थित पैसों का मैनेजमेंट अन्य सदस्य आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें ज्यादा कार्यवाही बैंक में नहीं करनी पड़ती है।

लेकिन यदि कोई परिवार का सदस्य जिसका जॉइंट अकाउंट नहीं है और उसकी मृत्यु होती है। तब उसके खाते में पड़ा हुआ पैसा, परिवार के अन्य सदस्य के खाते में ट्रान्सफर होने में दिक्कत आती है।

निष्कर्ष

इस प्रकार से कुल मिलाकर हम जॉइंट अकाउंट के फायदे की बात करें तो आप समझ लीजिये कि, यह हर चीज को बहुत आसान बना देता है।

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अंत में एक और फायदा मैं आपको बता सकता हूँ कि, यदि आपको अपने बच्चों का खाता खुलवाना है और वह 18 वर्ष का पूरा नहीं हुआ है। तब आप जॉइंट अकॉउंट खुलवा कर उसे भी अपने साथ शामिल कर सकते हैं।

प्यार के साथ जरा पैसा भी बांट लें

दांपत्य में पारदर्शिता, भरोसे और साझी जिम्मेदारियों के निर्वाह का माध्यम है जॉइंट बैंक अकाउंट, लेकिन बहुत सोच-समझ कर ही इसका निर्णय लिया जाना चाहिए। जरा सी लापरवाही, गैर-जिम्मेदारी और भरोसे की कमी से रिश्तों में बिगाड़ भी हो सकता है। जॉइंट अकाउंट के लाभ क्या हैं और इसमें क्या

दांपत्य में पारदर्शिता, भरोसे और साझी ज्िाम्मेदारियों के निर्वाह का माध्यम है जॉइंट बैंक अकाउंट, लेकिन बहुत सोच-समझ कर ही इसका निर्णय लिया जाना चाहिए। ज्ारा सी लापरवाही, ग्ौर-ज्िाम्मेदारी और भरोसे की कमी से रिश्तों में बिगाड भी हो सकता है। जॉइंट अकाउंट के लाभ क्या हैं और इसमें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, जानें इस लेख में।

सिंगल होने का बडा फायदा यह है कि अपने पैसे पर अपना ही नियंत्रण होता है। एटीएम, क्रेडिट कार्ड, बैंक अकाउंट पर सिर्फ अपना अधिकार होता है। मगर जैसे जॉइंट अकाउंट खुलवाने के फायदे? ही कोई ख्ाास शख्स ज्िांदगी में आता है, यह एकाधिकार टूटने लगता है। पति-पत्नी के बीच बहुत कुछ साझा होने लगता है। मगर क्या जीवनसाथी के साथ अपना पैसा भी बांटा जा सकता है?

यह जटिल सवाल है, क्योंकि इसमें आमदनी के साथ ही ख्ार्च, कज्र्ा और देनदारी भी शामिल होती है। आजकल ज्य़ादातर कपल्स जॉइंट अकाउंट शेयर करते हैं और जानकारों का कहना है कि आमतौर पर यह एक सही निर्णय साबित होता है। मगर यह निर्णय दंपती के आपसी रिश्ते और भरोसे पर निर्भर करता है कि वह जॉइंट अकाउंट खोलना चाहता है या नहीं। जॉइंट अकाउंट खोलने के कई फायदे हैं।

1. रिश्ते में पारदर्शिता

पति-पत्नी के रिश्ते में दुराव-छिपाव नहीं होना चाहिए। जॉइंट अकाउंट इसी पुरानी बात को नए संदर्भों में व्यक्त करता है। पति-पत्नी के पास अलग-अलग डेबिट और क्रेडिट काड्र्स हो सकते हैं, दोनों अपने हिसाब से ख्ार्च कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए वे जॉइंट अकाउंट खोलते हैं। इससे दोनों को पता रहता है कि उनका पैसा कहां ख्ार्च हो रहा है और कहां से आ रहा है। दोनों अपने अकाउंट को देख सकते हैं यानी चेक और बैलेंस पावर दोनों के पास रहती है।

व्यावहारिक टिप : जॉइंट अकाउंट दंपती के बीच बेहतर सामंजस्य के आधार पर ही टिक सकता है। अगर एक अधिक ख्ार्चीला है और दूसरा कम और दोनों में इसे लेकर तकरार होती हो तो यह भी हो सकता है कि जॉइंट अकाउंट से बिल्स चुकाने को लेकर बहसें होने लगें। एक को जॉइंट अकाउंट खुलवाने के फायदे? यही लगता रहे कि दूसरा उससे अधिक ख्ार्च कर रहा है तो वह हमेशा बुरा महसूस करता रहेगा। इस बहस में उलझे बिना अपना अकाउंट समझदारी से चला सकते हों, तभी जॉइंट अकाउंट खोलें।

2. आर्थिक स्थिति की सही समझ

जॉइंट अकाउंट खुलने से परिवार की आर्थिक स्थिति के बारे में बेहतर समझदारी पनपती है। 'जो भी है हम दोनों का है का भाव दंपती को जीवन के अन्य पहलुओं पर भी एक-दूसरे के नज्ादीक लाता है। अगर कोई बडा निवेश करना है तो दोनों अपने ख्ार्च को सीमित करने पर अडिग रहते हैं। चूंकि दोनों को घर की आर्थिक स्थिति पता रहती है, इसलिए ख्ार्च में भी दोनों संयम बरतते हैं। परिवार में सबका लक्ष्य समान होता है, लिहाज्ाा समान हित के लिए समान रास्ते भी होते हैं।

व्यावहारिक टिप : जॉइंट अकाउंट में भरोसा सबसे बडी बात है। अगर एक जॉइंट होल्डर पैसा बर्बाद करे, फ्रॉड करे या दूसरे को बिना बताए पैसा निकाल ले तो दूसरे को नुकसान के साथ ही मानसिक आघात भी पहुंचता है। इसलिए पहले यह सोच लें कि क्या रिश्ते में इतना भरोसा और विश्वास है? इसके बाद ही ऐसा निर्णय लें।

3. सुविधा में इज्ााफा

जॉइंट अकाउंट होल्डर्स के लिए सुविधाजनक है। दोनों में से एक भी खाताधारक ज्ारूरत पडऩे पर पैसा निकाल सकता है। कोई एक शहर से बाहर हो और दूसरे को इमरजेंसी में पैसे की ज्ारूरत पड जाए तो वह आसानी से पैसा निकाल सकता है। इसके लिए उसे दूसरे की सहमति या हस्ताक्षर की ज्ारूरत नहीं होती। चेक साइन करना हो तो भी इसमें दूसरे धारक के हस्ताक्षर की ज्ारूरत नहीं पडती। इसके अलावा कोई अपना हस्ताक्षर जॉइंट अकाउंट खुलवाने के फायदे? भूल जाए या अन्य कोई समस्या पैदा हो जाए तो दूसरे के हस्ताक्षर से पैसा निकल सकता है।

व्यावहारिक टिप : व्यावहारिक समस्या यह आ सकती है कि दोनों पक्षों की ज्ारूरतों व प्राथमिकताओं का ग्राफ अलग-अलग हो सकता है। यदि पति को गैजेट्स का शौक है तो पत्नी को सदा डर लगा रहेगा कि कहीं वह सारा पैसा इन्हीं चीज्ाों पर न ख्ार्च कर दे। बेहतर होगा कि पहले ही यह तय करें कि किन-किन चीज्ाों पर कब-कब ख्ार्च करेंगे और इस अकाउंट का उपयोग कैसे करेंगे।

4. ज्ारूरत में उपयोग

कॉमन मनी पूल के लिए भी जॉइंट अकाउंट से काफी मदद मिलती है। चूंकि दोनों का इसमें समान अधिकार है, लिहाज्ाा दोनों समान ढंग से जमा कर सकते हैं और निकाल जॉइंट अकाउंट खुलवाने के फायदे? भी सकते हैं। यदि नवविवाहित दंपती जॉइंट अकाउंट खोलता है और उसमें नियमित पैसे डालता है तो वह कुछ समय बाद जॉइंट इन्वेस्टमेंट या जॉइंट अकाउंट खुलवाने के फायदे? सेविंग के लिए पैसे जमा कर सकता है। यदि एक साल बाद कार लेनी है या ज्ामीन में पैसा लगाना है तो यह तरीका बहुत कारगर हो सकता है। यानी दोनों अपनी-अपनी आमदनी का एक हिस्सा इसमें जमा करें और फिर कुछ समय बाद यह अमाउंट बढ जाए तो कोई बडा ख्ार्च कर लें।

व्यावहारिक टिप : इसमें एक बडा सवाल यह पैदा होता है कि कौन कितना पैसा डालेगा। यदि पत्नी की इनकम पति से कम है तो निश्चित तौर पर वह पति के बराबर पैसा नहीं बचा सकती। ऐसे में पति उस पर बराबर पैसा जमा करने का दबाव डाले तो विवाद हो सकता है। ये सारी बातें पहले ही तय कर लें तो आगे समस्या नहीं आएगी।

5. अधिकारों का स्थानांतरण

जॉइंट अकाउंट का सबसे बडा फायदा है कि इसमें अधिकारों का आसानी से ट्रांस्फर हो सकता है। जीवन का कोई भरोसा नहीं। दुर्भाग्य से किसी एक को कुछ हो जाए तो दूसरे को इस अकाउंट का अधिकार प्राप्त रहेगा, फिर भले ही साथी ने मृत्यु-पूर्व वसीयत में इसका ज्िाक्र न भी किया हो। यदि वाकई पति-पत्नी में प्रेम है और दोनों चाहते हैं कि उनमें से किसी एक के न रहने के बाद भी दूसरा आर्थिक रूप से सर्वाइव करने की स्थिति में रहे तो जॉइंट अकाउंट बेहतरीन विकल्प है।

व्यावहारिक टिप : पति-पत्नी के साथ ही माता-पिता या बच्चों के साथ मिल कर भी जॉइंट अकाउंट खोल सकते हैं। यदि आप चाहते हैं कि प्रियजन आपके न रहने के बाद भी बुरे वक्त में सर्वाइव कर सकेें तो जॉइंट अकाउंट ज्ारूर खोलें।

अकाउंट खोलने से पहले

मनी मैनेजमेंट का तरीका सबका अलग-अलग होता है। लेकिन जब जॉइंट अकाउंट खोला जाता है तो दोनों को समान सोच के आधार पर इसे मैनेज करना होता है। रिश्तों में रुपये-पैसे की बात करना आसान काम नहीं, ज्ारा सी चूक या लापरवाही रिश्तों को बिगाड भी सकती है। कुछ टिप्स जॉइंट अकाउंट खोलने के-

1 जॉइंट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो शादी से पहले ही अपनी वित्तीय स्थिति के बारे में साथी को बताएं। यदि कोई लोन या कज्र्ा चल रहा है तो जॉइंट अकाउंट खुलवाने के फायदे? इसके बारे में भी उसे जानकारी दें।

2. ज्ारा भी संदेह हो या दूसरे के ऋण चुकाने से बचना चाहते हों तो जॉइंट अकाउंट न खोलें। साथी पर पूरा भरोसा हो, तभी आगे बढें।

3. इमरजेंसी के लिए हमेशा तैयार रहें। ऐसी स्थिति में दोनों एक-दूसरे को पूरा सहयोग व अधिकार देंगे, इसे लेकर आश्वस्त रहना ज्ारूरी है।

4. टीम की तरह काम करें और एक-दूसरे की फाइनेंशियल ताकत बनें। हमेशा बजट बना कर काम करें, एक-दूसरे पर भरोसा रखें और ख्ार्च व बचत के मामलों में पूरी ईमानदारी बरतें।

5. अकाउंट को नियमित तौर पर चेक करें। किस मद में कितना पैसा ख्ार्च हो रहा है, यह जानना दोनों के लिए ज्ारूरी है। ज्िाम्मेदारियां बांटें और सही ढंग से मनी मैनेजमेंट करें।

6. दोनों में से किसी को भी कोई बडा वित्तीय फैसला लेना हो, कहीं पैसा लगाना हो, कोई घरेलू उपयोग की वस्तु, गैजेट, गाडी या अन्य सामान ख्ारीदना हो तो पहले इस पर खुल कर बातचीत कर लें, इसके बाद ही निर्णय लें, ताकि किसी एक को कोई समस्या न हो।

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