खान ने कहा, ‘‘यह समझौता लागू होने के पहले दिन से यानी 29 दिसंबर से हमारे लिए अपार अवसर उपलब्ध करायेगा।’’ समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया पहले 90 प्रतिशत व्यापारी पैसे क्यों खो देते हैं? दिन से मूल्य के लिहाज से करीब 96.4 प्रतिशत निर्यात (मूल्य के आधार पर) शून्य-शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है। इसमें कई ऐसे उत्पाद शामिल हैं जिस पर वर्तमान 90 प्रतिशत व्यापारी पैसे क्यों खो देते हैं? में ऑस्ट्रेलिया चार-पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगाता है।

भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौता 29 दिसंबर से लागू होगा

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतरिम मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) बृहस्पतिवार यानी 29 दिसंबर से लागू होगा। इस समझौते के तहत ऑस्ट्रेलियाई बाजार में हजारों भारतीय उत्पादों मसलन कपड़ा और चमड़े को शुल्क मुक्त पहुंच उपलब्ध करायी जा सकेगी। निर्यातकों और उद्योग के जानकारों के अनुसार, इस समझौता से पांच साल में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होकर 45-50 अरब 90 प्रतिशत व्यापारी पैसे क्यों खो देते हैं? डॉलर तक पहुंच जाएगा। आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते (ईसीटीए) पर इस साल दो अप्रैल को हस्ताक्षर किए गए थे।

इससे 6,000 से अधिक व्यापक क्षेत्रों के भारतीय निर्यातकों को ऑस्ट्रेलिया 90 प्रतिशत व्यापारी पैसे क्यों खो देते हैं? के बाजार में शुल्कमुक्त पहुंच मिलेगी। समझौते से श्रम प्रधान क्षेत्रों को अत्यधिक लाभ होगा। इनमें कपड़ा और परिधान, कुछ कृषि तथा मछली उत्पाद, चमड़ा, जूते, फर्नीचर, खेल के सामान, आभूषण, मशीनरी और बिजली के सामन शामिल हैं। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारतीय निर्यातकों के लिए प्रमुख बाजारों में से एक है।

नफरत के जरिए ध्यान भटका 90 प्रतिशत व्यापारी पैसे क्यों खो देते हैं? लोगों की जेब काट रही है सरकार, लालकिले से बरसे राहुल गांधी

नफरत के जरिए ध्यान भटका लोगों की जेब काट रही है सरकार, लालकिले से बरसे राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि सत्तापक्ष देश में नफरत फैलाकर लोगों का ध्यान भटका रहा है ताकि लोगों की जेब काटी जा सके। उन्होंने देश के एक बड़े उद्योगपति का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लगाम लगी हुई है और उनसे चीजें संभल नहीं रही हैं।

'भारत जोड़ो यात्रा' निकाल रहे राहुल गांधी ने लाल किले के निकट एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ''इस यात्रा का लक्ष्य भारत को जोड़ने का है। जब हमने यह यात्रा शुरू की तो सोच रहा था कि नफरत को मिटाने की जरूरत है। मेरे दिमाग में था कि इस देश में सब जगह नफरत फैली हुई है। मगर जब मैंने चलना शुरू किया तो सच्चाई बिल्कुल अलग थी. मीडिया के एक बड़े हिस्से में नफरत की बातें चलाई जाती हैं।''

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